हापुड़ में अगले महीने के अंत तक कच्ची खोद का आलू आने की संभावना है। बाजार में इस आलू के आते ही पुराने आलू के दामों के गिरने के आसार हैं। ऐसे में किसान बीच मझधार फंसे हैं। क्योंकि बाजार में दाम मिल नहीं रहा और शीतगृहों से आलू निकासी का दबाव है।
उद्यान विभाग ने शीतगृहों को 30 नवंबर तक भंडारण खाली करने का नोटिस दे दिया है। बाजार में आलू पर मंदी बनी है, जिस कारण अभी भी 54 फीसदी (करीब 93 हजार एमटी) आलू की निकासी नहीं हो सकी है। बीज में करीब 15 से 20 फीसदी निकासी की संभावना है। आलू की खेती से करीब 30 हजार किसान जुड़े हैं, जिन्होंने 35 हजार हेक्टेयर में आलू की बुवाई की थी। बंपर पैदावार से शीतगृहों में 1.80 लाख एमटी आलू का भंडारण हुआ। शुरूआत से ही आलू के दामों में खास उछाल नहीं आया है। इसका असर आलू की निकासी पर पड़ रहा है।
आलम यह है कि मंडी में इन दिनों चिप्सोना प्रजाति का आलू 550 से 600 रुपये कट्टा बिक रहा है। जबकि हाईब्रिड़ आलू के दाम 350 रुपये तक बने हैं। शीतगृहों में आलू का भंडारण शुल्क 140 रुपये कट्टा है। ऐसे में हाईब्रिड आलू पैदा करने वाले किसानों को एक कट्टे पर करीब 200 रुपये तक ही मिल पा रहे हैं।
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. हरित कुमार ने कहा कि शीतगृहों को 30 नवंबर तक भंडारण खाली कराने के संबंध में नोटिस दिया गया है।