जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में छह माह पहले कार्यवाही का अब खुलासा हुआ है। नगर पालिका के एक लिपिक ने भवनों पर नाम दर्ज कराने की लाखों रुपये की रसीदें काट दीं। इस धनराशि को सरकारी खाते में जमा नहीं किया गया। अपने निजी खर्च में ले लिया। मामले में नगर पालिका के अधिकारियों ने गुपचुप तरीके से छह माह पहले उसे दस्तावेज में निलंबित कर दिया। वहीं, मामले में आज तक रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है।
बहादुरगढ़ क्षेत्र निवासी रोहित चौहान नगर पालिका में कर लिपिक के पद पर तैनात था। जिसे पालिका क्षेत्र के सभी करों का भुगतान प्राप्त होता था। भवन कर और नाम परिवर्तन समेत अन्य मदों से प्राप्त धनराशि को कई माह तक उसने पालिका के बैंक खाते में जमा नहीं कराया। वहीं, कर जमा कराने वालों को फर्जी रसीद भी थमा दीं। मामले का खुलासा तब हुआ। जब नगर निवासी पंकज गर्ग, विनोद कुमार शर्मा, कविता ने अपने मकानों पर नाम परिवर्तन के लिए पालिका में शुल्क जमा कराया था।
उक्त लोगों ने बताया कि शुल्क जमा कराने के बावजूद जब काफी समय तक नाम परिवर्तन नहीं हुआ तो वह पालिका कार्यालय पहुंचे। जहां उन्हें पता चला कि उनके द्वारा जमा किया शुल्क रजिस्टर में ही नहीं चढ़ा है। जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों से शिकायत की। पहले तो शिकायतकर्ताओं को समझाकर भेज दिया गया, लेकिन मुख्यमंत्री से शिकायत की चेतावनी देने के बाद पालिकाध्यक्ष राकेश बजरंगी ने उसकी जांच कराते हुए रोहित चौहान को निलंबित कर दिया।
गढ़ नगर पालिका ईओ मुक्ता सिंह- ने बताया की मामला संज्ञान में है। संबंधित मामले में आरोपी कर लिपिक को निलंबित कर दिया गया था। मामले की जांच कराई जा रही है। आरोप सिद्ध होने पर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।