हापुड़ में हल्की ठंड और दिवाली से पहले ही शहर की हवा एक बार फिर से खराब हो गई है। धूल और धुएं से प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। बृहस्पतिवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 261 तक पहुंच गया जो सेहत के लिए खतरनाक है। बढ़ते प्रदूषण के कारण हृदय, सांस और अस्थमा रोगियों की परेशानी बढ़ गई है। प्रदूषण के कारण सुबह-शाम लोगों ने टहलना भी बंद कर दिया है।
जिले की हवा खराब हो गई है। शहर की हवा में जहर घुल रहा है। यहां एक्यूआई 261 पहुंच गया। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हुई। इससे बुजुर्ग, अस्थमा रोगियों, सांस के रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
पिछले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव हुआ है। दिन में तेज धूप और गर्मी भले ही बरकरार हो, लेकिन सुबह शाम और रात में ठंडक हो रही है। दशहरा के बाद से प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। सड़कों पर उड़ती धूल और शहर में बढ़ते वाहनों से निकलने वाला धुंआ वढ़ते प्रदूषण का कारण बन रहा है। प्रदूषण रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। शहर में जगह-जगह खुले में कूड़े के ढेरों में आग लगा दी जाती है और कार्यवाही भी नहीं होती।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि मौसम में ठंड और दिवाली के चलते आने वाले दिनों में प्रदूषण की स्थिति और खराब रहेगी। डॉ. गौरव मित्तल का कहना है कि बढ़ते प्रदूषण के कारण अस्थमा, हृदय व रक्तचाप रोगियों की परेशानी थोड़ी बढ़ने लगी है। मौसम में बदलाव का प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर दिख रहा है। सांस लेने में परेशानी, गले में खराश, आंखों में जलन व दर्द, खांसी और जुकाम की समस्या बढ़ रही है। ऐसे में अभी से एहतियात जरूरी हैं। बुर्जुग और सांस रोगी सुबह और शाम टहलने से परहेज करें। प्रदूषण से बचने के लिए घर से निकलते समय मास्क पहनें।