हापुड़ जिले की हवा एक बार फिर से खतरनाक होने लगी है। तीन दिन में एक्यूआई का सूचकांक करीब 110 अंक बढ़ गया है। ऐसे में सांस के मरीजों की फिर से परेशानी बढ़ने लगी है। वहीं, सुबह और शाम के समय धुंध और कोहरे से भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
शहर की हवा की सेहत अभी भी आमजनों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। लगातार हवा की सेहत खराब चल रही है। तीन दिन पहले तक प्रदूषण का स्तर 165 पहुंच गया था। जिसके बाद कुछ राहत दिखाई दे रही थी। लेकिन अब दो दिन से प्रदूषण का स्तर फिर से पीली श्रेणी से ओरेंज श्रेणी में पहुंच गया है। ठंड के कारण आसमान में तैर रहे धूल के कण भारी होकर धरातल की तरफ आ जाते हैं। इससे भी वायु प्रदूषण हो रहा है।
वायु प्रदूषण का यह स्तर पहले से बीमार लोगों के बिलए काफी खतरनाक है। एक्यूआई का सूचकांक शुक्रवार को 275 दर्ज किया गया ही था कि रविवार को भी यह 246 दर्ज किया गया। वहीं, सुबह और शाम के समय आसमान में धुंध और कोहरे की परत छाने लगी है। सांस के मरीजों के साथ-साथ स्वस्थ मरीजों को भी परेशानी होने लगी है। लोग आंखों में जलन से परेशान है।
इस सप्ताह तापमान तेजी से घटेगा, ठंड का अधिक अहसास होना शुरू हो जाएगा। कोहरे के साथ पाला गिरने की आशंका है। वहीं, न्यूनतम तापमान में भी तेजी से गिरावट दर्ज की जाएगी। मौसम वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि अगले कुछ न्यूनतम तापमान में गिरावट आनी शुरू हो जाएगी। यह सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ के कारण होगा।
फिजिशियन डॉ. गौरव मित्तल का कहना है कि इस मौसम में बुजुर्गों व बच्चों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। काफी लोग लापरवाही करते हैं, जो बीमार हो जाते हैं। पहले से बीमार व अस्थमा रोगियों को घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए। सुबह व शाम की सैर को बंद कर देना चाहिए। वहीं बढ़ती ठंड में गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करें।