जनपद हापुड़ में बदलते मौसम में बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ रही है। वह डायरिया, बुखार और वायरल की चपेट में आने लगे हैं। जिला अस्पताल के वार्ड बच्चों से फुल है। सीएचसी के बाल रोग विभाग में भी बीमार बच्चों की भरमार है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि बदलते मौसम का प्रभाव सबसे अधिक बच्चों पर पड़ता है। क्योकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। संक्रामक रोग तेजी से बच्चों को चपेट में ले रहे हैं। खानपान में थोड़ी लापरवाही डायरिया का कारण बन रही है। बुखार और डायरिया से पीड़ित बच्चों में पानी की काफी कमी मिल रही है, जो सामान्य नहीं है।
उन्होंने बताया कि डिहाइड्रेशन की चपेट में आए बच्चों को ड्रिप लगानी पड़ रही है। बच्चे रोजाना चार से पांच बीमार बच्चों को भर्ती किया जा रहा है। इसके अलावा बच्चों में गला, कान दर्द की समस्या बढ़ी है। फेफड़ों में कफ जमा मिल रहा है, जिससे उनकी सांस की नली में भी सूजन बन रही है।
ऐसे बच्चों को दवाओं के साथ भाप भी दिलाई जा रही है। कुल मिलाकर जिला अस्पताल और सीएचसी में चिकित्सकों की ओपीडी में मरीजों की भरमार है, वार्डों में बीमार बच्चों की संख्या काफी बढ़ गई है। सरकारी व निजी अस्पतालों में सरकारी व निजी अस्पतालों में हर दिन बड़ी संख्या में लोग अपने मासूम मरीजों को लेकर उपचार कराने पहुंच रहे हैं।
हापुड़ सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी ने बताया की जिले के सरकारी अस्पतालों में बच्चों के इलाज की सुविधा उपलब्ध है। चिकित्सकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। दवाएं भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।