हापुड़ में 19 साल तक के किशोरों में हीमोग्लोबिन की कमी उनका शारीरिक विकास रोक रही है। जल्द थकान होने के कारण बच्चे खेलकूद से भी बच रहे हैं। आरबीएसके के तहत स्कूलों में सर्वे कराया गया, 20 से 25 फीसदी बच्चों में खून की कमी मिल रही है, जिसमें तीन फीसदी (करीब 1800) में हीमोग्लोबिन की मात्रा 8 प्वाइंट से भी कम है।
फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि मजबूत और ताकतवर शरीर में रक्त संचार का बड़ा महत्व है। हीमोग्लोबिन का स्तर सही है तो कई बीमारियां शरीर से दूर रहती है। लेकिन इसका स्तर कम होने के कारण जहां प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है। वहीं, बच्चों का शारीरिक विकास भी प्रभावित होता है।
आरबीएसके के तहत सर्वे में यह खुलासा हुआ है। आरबीएसके की टीमों ने जिलेभर में सर्वे कर, बच्चों में हीमोग्लोबिन का स्तर जांचा था। दिमागी तौर पर भी बच्चे कमजोर मिले हैं 20 से 25 फीसदी बच्चे ऐसे मिले हैं, जिनमें हीमोग्लोबिन का स्तर 11 से कम है। इन बच्चों में भी 1800 में हीमोग्लोबिन बेहद कम है, बालिकाओं की संख्या इनमें अधिक है। सर्वे के दौरान पता चला कि जल्दी थकान होने से बच्चे खेलकूदों में प्रतिभाग से भी घबराते हैं। खान-पीना भी इन बच्चों का अच्छा नहीं होता, शारीरिक क्षमता का परीक्षण किया गया इसमें कई बच्चों की लंबाई सामान्य से कम मिली।
सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी- ने बताया की स्कूलों में आरबीएसके की टीमों द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। जिन बच्चों में हीमोग्लोबिन कम मिला है, उन्हें दवाएं दी गई है। इसके अलावा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन ए की खुराक भी बच्चों को दी जा रही है।