जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में सिंभावली ब्लॉक क्षेत्र के गांव मुक्तेश्वरा की मढ़या में स्थित प्राइमरी स्कूल में व्यवस्थाए सिर्फ नगण्य है। न तो कई सालों से स्कूल पर गेट लगा है, न ही वहां पकी टंकियों से पानी आता है। शिक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।
शासन की मंशा के अनुसार सरकारी स्कूलों को कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर बनाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं धरातल पर शिक्षा विभाग के अधिकारी बच्चों को व्यवस्था देने और स्कूलों की दशा में सुधार कराने में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं।
सिंभावली के गांव मुक्तेश्वरा की मढ़या में बच्चों की पढ़ाई के लिए प्राइमरी स्कूल तो है, लेकिन व्यवस्थाएं नगण्य हैं। प्राइमरी स्कूल में व्यवस्थाओं के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है।
बता दें कि प्रवेश द्वार तक की व्यवस्था नहीं है। स्कूल में स्कूल के शिक्षक और बच्चों मौजूद होने के वावजूद भी वहां पर कोई गेट की सुविधा नहीं है। स्कूल में गेट की जगह पर बांस लगा हुआ है। जंगल के बीचों बीच स्कूल में किसी भी असामाजिक तत्वों के आने का खतरा मंडराता है। साथ ही गेट के न होने के कारण जंगली पशु के घुसने का भी डर बच्चो पर बना रहता है।
शिक्षकों ने कई बार अधिकारियों ने अवगत कराया है, लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है, जिसके कारण स्कूल के शिक्षकों को स्कूल के पक्के गेट की जगह पर बांस लगाना पड़ रहा है।
बीईओ अलका अग्रवाल- का इस संबंध में कहना है की स्कूल में मुख्य द्वार न होने का गंभीर मामला है, स्कूल के गेट के लिए ग्राम प्रधान से वार्ता कर स्कूल में जल्द ही गेट लगवाया जाएगा।