हापुड़ में प्रदूषण की जांच के लिए शासन ने पोर्टल को अपग्रेड किया है। अब 15 अप्रैल से नए पोर्टल पीयूसीसी वर्जन 2.0 से वाहनों के प्रदूषण जांच की जाएगी। इससे प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र बनवाने में फर्जीवाड़ा नहीं होगा।
बाइक-कार से लेकर अन्य वाहन मालिकों के लिए बड़ी खबर हैं। अब प्रदूषण जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा। जिले में उपसंभागीय परिवहन विभाग से वाहनों की प्रदूषण जांच के लिए 38 जांच केंद्र रजिस्टर्ड हैं।
एआरटीओ प्रशासन छवि सिंह ने बताया कि शासन ने पोर्टल को अपग्रेड कर नया पोर्टल पीयूसीसी 2.0 बनाया है। अब मोबाइल के जरिए प्रदूषण जांच करके ही प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। पहले प्रदूषण जांच केंद्र पर लगे कैमरे से फोटो खींचकर या आए बगैर ही प्रमाण पत्र जारी करने की शिकायत के बाद परिवहन विभाग ने सुरक्षा से लैस नया पोर्टल पीयूसीसी 2.0 बनाया है। नया पोर्टल को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा चुका है। इसके सफल रहने पर अब इसे पूरे प्रदेश में 15 अप्रैल से लागू होगा।
इसके लिए जिले के सभी प्रदूषण जांच केंद्र के संचालकों को निर्देश दिए है कि 15 अप्रैल से पीयूसीसी वर्जन 2.0 पोर्टल का ही इस्तेमाल करें। खास बात यह है कि एक सेंटर के लिए यह वर्जन तीन मोबाइल में प्रयोग किया जा सकेगा। मोबाइल व प्रदूषण जांच केंद्र की 30 मीटर परिधि में ही प्रयोग होगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद किसी जांच केंद्र पर नए पोर्टल का इस्तेमाल नहीं किया जाता तो उसके प्रदूषण जांच केंद्र को निरस्त करते हुए कार्यवाही की जाएगी।