हापुड़ में वायरल के बदले स्वरूप से मरीजों में चिकनगुनिया जैसे लक्षण आ रहे हैं। तेज बुखार के साथ मांसपेशियों में भयंकर दर्द है। घुटनों में दर्द से चलना फिरना मुश्किल हो रहा है। गले में खराश, हल्की खांसी भी परेशान कर रही है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में मंगलवार को 500 से ज्यादा बुखार के मरीज पहुंचे।
बदलते मौसम में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इस बार बुखार का पैटर्न बदला हुआ है। चिकनगुनिया जैसा शरीर-मांसपेशियों में दर्द हो रहा है। जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की कतार लगी रही। फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि इस मौसम में डेंगू, मलेरिया और वायरल का सबसे ज्यादा खतरा है। बीते 10-15 दिनों से वायरल के मरीजों की संख्या डेढ़ गुना बढ़ी है। बुखार का स्वरूप भी लगातार बदल रहा है। जिसमें मरीजों को अलग अलग तरह की समस्याएं हो रही हैं।
मंगलवार को अस्पतालों की ओपीडी में 4800 से ज्यादा मरीज आए। इनमें 500 मरीज बुखार के आए, मरीजों को बुखार अधिक नहीं था, लेकिन हाथ-पैर, कमर, गर्दन, पीठ और मांसपेशियों में दर्द अधिक बताया। ऐसा चिकनगुनिया में होता था। राहत की बात है कि समय पर दवाएं शुरू कराने में 3-5 दिन में ठीक हो रहा है। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि सबसे ज्यादा बुखार- खांसी, गले में खराश के रहे। इनको सिर में दर्द, मांसपेशियों में भी दर्द की परेशानी बताई गई।
बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि बच्चों को तेज बुखार और पेट में दर्द की परेशानी अधिक मिल रही है। अगर बुखार आ रहा है तो गुनगुने पानी से शरीर को पोंछने से लाभ मिलता है। दरअसल, गुनगुने पानी से शरीर पोंछने पर रक्त नलिकाओं में सिकुड़न कम होती है और रक्त संचार तेजी से होने लगता है। शरीर पर लगा गुनगुना पानी भाप बनकर उड़ता है, जिससे ताप भी कम होता है।