हापुड़ कुचेसर चौपला। बिजनौर जनपद से शुरू होकर मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर जिले से गुजरने वाली मध्य गंग नहर की सफाई का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। लगभग 18 करोड़ रुपये की लागत से यह काम हो रहा है। टेल तक कम पानी पहुंचने की शिकायत के कारण सिंचाई विभाग को यह जिम्मेदारी दी गई। अप्रैल तक बिजनौर से बुलंदशहर तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य है।
अवर अभियंता जितेंद्र गोस्वामी ने बताया कि बिजनौर से जब मध्य गंगा नहर में पानी छोड़ा जाता है तो वहां 800 क्यूसेक तक की क्षमता होती है। लेकिन रास्ते में नहर में सिल्ट, झाड़ियां और गंदगी होने की वजह से पानी में अवरोध उत्पन्न होता जाता है, जिससे नहर का जलस्तर लगातार कम होता जाता है। हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़ तक आते आते नहर में पानी की रफ्तार बहुत कम हो जाती है। यहां पानी की क्षमता 400 क्यूसेक ही रह जाती है।
मध्य गंगा नहर में पानी आने से हापुड़ जनपद के क्षेत्र का भूगर्भीय जलस्तर ऊपर पहुंचता है। जिले में सिंचाई का अधिकतर कार्य नलकूपों द्वारा किया जाता है, लेकिन अलीगढ़, आगरा और फिरोजाबाद सूखा ग्रस्त क्षेत्र में आते हैं। जहां किसान अपने खेतों की सिंचाई नहर के पानी से ही करते हैं। इसलिए कई जनपदों से होकर गुजर रही इस नहर की सफाई युद्धस्तर पर की जा रही है। ताकि अप्रैल के बाद गर्मियों पर पानी को टेल तक पहुंचाया जा सके। इस कार्य के लिए क्षेत्र में कई मशीनें एक साथ कार्य कर रही हैं।