हापुड़/ इसरो ने बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान- 3 की लैंडिंग करवाकर इतिहास रच दिया। लैंडर विक्रम ने शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद की सतह को जैसे ही छुआ, पूरा देश खुशी से उछल पड़ा। चंद्रमा के दक्षिणी सतह पर चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग होते ही जिले के लोग उत्साह से झूम उठे। चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न सभी ने उत्साह के साथ मनाया।
इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग का समय शाम 6:04 बजे निर्धारित किया था। बरसात होने के बावजूद शाम पांच बजे से ही स्कूलों में छात्र पहुंचने शुरू हो गए। शिक्षा विभाग अधिकारियों ने भी प्रोजेक्टर के जरिए लाइव प्रसारण देखा। चंद्रयान की लैंडिंग के महत्वपूर्ण अंतिम 15 मिनट बेहद रोमांचित करने वाले रहे। जैसे ही चंद्रयान की गति को घटाने की प्रोग्रामिंग शुरू हुई वैसे ही लोगों की उत्सुकता बढ़ने लगी।
इंजन के सही तरीके से काम करने और लगातार गति घटने से लोग राहत की सांस लेते रहे। नियत समय पर जैसे ही चंद्रयान ने चंद्रमा के दक्षिणी सतह पर अपने कदम रखे वैसे ही जश्न का माहौल चारों ओर छा गया। छात्र खुशी से झूम उठे। वहीं, घरों में भी लोग वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहने लगे। स्कूलों में रोमांचित दृश्य देख छात्रों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। एक दूसरे को बधाई देने का सिलसिला सोशल मीडिया पर भी शुरू हो गया।
जेएमएस वर्ल्ड स्कूल के छात्र और शिक्षक चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर लैंडिंग के साक्षी बने। सभी ने यह ऐतिहासिक नजारा प्रत्यक्ष रूप से अपनी आंखों से देखा। इस दौरान बच्चों में भारी उत्साह तथा जिज्ञासा बनी रही। विद्यालय ने इसरो के वैज्ञानिकों तथा समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं दी। श्री शांतिस्वरूप कृषि इंटर कॉलेज में छात्र चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग का प्रसारण देख रोमांचित हुए। भौतिकी प्रवक्ता डॉ.अजय कुमार मित्तल ने बच्चों को किसी उपग्रह या चंद्रयान जैसे किसी अंतरिक्षयान के भेजने की क्रिया और उसके उद्देश्यों के बारे में बताया।
बता दे कि भारत ने चंद्रमा पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग करके इतिहास बना दिया है, चंद्रयान 3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग हो गई है, यह पल भारत के गर्व का क्षण है। भारत का मून मिशन यानी चंद्रयान-3 बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर गया है। चंद्रयान-3 साउथ पोल इलाके में लैंडिंग कर गया है। भारत साउथ पोल इलाके में पहुंचने वाला पहला, जबकि सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश होगा। भारत से पहले अमेरिका, रूस और चीन चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं, इसरो के इस महत्वाकांक्षी मिशन को लेकर पूरे देश में उत्साह है।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य जयन्त, प्रतीक गुप्ता, अरविंद कुमार, रवींद्र गुप्ता, मनोज कुमार, राजकेशर, राजवीर सिंह, रामकुमार, मनीष कुमार, श्रीकृष्ण द्विवेदी मौजूद रहे। कमालपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका भावना शर्मा ने बताया कि इस ऐतिहासिक पल का गवाह पूरा देश बना है।