हापुड़ में बीएसए कार्यालय के गोपनीय दस्तावेज इधर से उधर करने का मामला सामने आ गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में नियुक्त वरिष्ठ सहायक ने महत्वपूर्ण दस्तावेज को लीक कर दिया। जांच में दोष सिद्ध होने पर उन्हें पटल से हटाकर मूल कार्यालय भेज दिया गया है।
बीएसए कार्यालय में इन दिनों तनातनी है। एक ही परिसर में दो मुख्य विभागों के बीच शिकायतों का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है कि ऐसे में कार्यालय के गोपनीय दस्तावेज इधर से उधर करने का मामला सामने आ गया है। दरअसल, अनिल कुमार लंबे समय से बीएसए कार्यालय में वरिष्ठ सहायक नियुक्त थे। इन्हीं पर इस तरह के आरोप लगे हैं। ग्रेच्युटी, जीपीएफ की फाइलों में साक्ष्य छिपाकर पत्रावली कार्यालय से आगे बढ़ा दी। महत्वपूर्ण आदेशों को पटल पर ही दबाकर रखा, यहां तक की निर्वाचन संबंधी सूचना भी समय से नहीं भेजी।
लडपुरा के कंपोजिट विद्यालय के सहायक अध्यापक कृष्णवीर सिंह के शैक्षिक अभिलेखों की जांच के मामले में वरिष्ठ सहायक अनिल कुमार ने महानिदेशक को पत्रावली ही नहीं भेजी, बल्कि विभाग के अधिकारियों पर ही दोष लगा दिया। दौयमी उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिलशाद अली का जीपीएफ संबंधी मामला, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रीति रानी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हरिओम सिंह, अनिल कुमार, प्रदीप कुमार की जीपीएफ स्वीकृति की पत्रावली अधूरे और त्रुटिपूर्ण दस्तावेज के साथ ही प्रेषित कर दी गई। एक अन्य गोपनीय प्रकरण में बीएसए ने आपत्ति लगाई थी, लेकिन कार्यालय से यह सूचना लीक कर दी गई। आधा दर्जन से अधिक ऐसे मामलों में उन्हें दोषी पाया गया।