जनपद हापुड़ के गढ़ रोड स्थित नवीन कृषि मंडी में सरकारी धर्मकांटे की तौल को नहीं मानने और धान के दाम गिरने पर हंगाम हुआ, रविवार को आढ़ती और किसान भिड़ गए। दोनों ओर से जमकर हाथापाई हुई। विवाद में आढ़तियों ने भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को पीटा। विरोध में आढ़तियों ने मंडी का गेट बंद कर धरना दिया और पुलिस को तहरीर दी।
निर्यात पॉलिसी में बदलाव के विरोध में रविवार को मंडियों में हड़ताल थी। लेकिन हापुड़ मंडी में इसकी खबर सुबह 9 बजे मिली। शनिवार तक धान 3500 रुपये क्विंटल तक बिक रहा था। लेकिन रविवार को दाम अचानक 300 रुपये तक कम हो गए, जिसका किसानों ने इसका विरोध किया। मंडी समिति की सचिव ने किसानों और आढ़तियों के बीच किसी तरह समझौता करा दिया। लेकिन कुछ किसानों ने मंडी में सरकारी धर्मकांटे की तौल को नहीं मानने और धान के दाम 300 रुपये तक गिरने पर व किसानों से हर बोरी पर 300 ग्राम अतिरिक्त धान लिए जाने का आरोप लगा हंगामा शुरू कर दिया।
किसानों की सूचना पर भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुशलपाल आर्य भी मंडी पहुंचे। उन्होंने आढतियों से इसका विरोध किया। किसी बात को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। आढ़ती और किसान आपस में भिड़ गए। दोनों ओर से जमकर हाथापाई हुई। भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की आढ़तियों ने पिटाई कर दी। इससे मंडी में अफरा तफरी मच गई।
किसी तरह भाकियू नेता वहां से निकल सके। आढ़तियों ने मंडी का गेट बंद कर, धरना शुरू कर दिया। साथ ही धान की खरीद भी रोक दी गई। पुलिस को आढ़तियों ने तहरीर दी। जिसमें भाकियू नेताओं द्वारा मारपीट करने और सोने की चेन लूट लेने का आरोप लगाया। शाम को किसान एकत्र होकर फिर से मंडी पहुंचकर अनिश्चितकालीन धरने का एलान किया, इससे पुलिस प्रशासन में भी अफरा तफरी मच गई।
मंडी सचिव नीलिमा गौतम, एसडीएम, तहसीलदार समेत अधिकारियों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया गया। लेकिन किसान मारपीट करने वालों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर, अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। धरना देने वालों में चौधरी यशवीर आदि शामिल रहे। देर रात आढ़तियों द्वारा सीओ स्तुति सिंह और थाना प्रभारी सुमित कुमार की मौजूदगी में माफी मांग ली गई है, जिसके बाद धरना समाप्त कर दिया।