हापुड़– नगर पालिका में गृह, जल और सीवर कर में कटौती के नाम पर एक हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए दो कर्मचारियों का वीडियो गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो वायरल होते ही प्रशासन हरकत में आया और संबंधित दोनों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। साथ ही कर निर्धारण अधिकारी को मामले की जांच सौंपते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
बुलंदशहर रोड निवासी सद्दीमु मंसूरी ने आरोप लगाया कि वह कई दिनों से अपने भवन का गृह कर जमा कराने के लिए नगर पालिका के चक्कर काट रहे थे। पालिका द्वारा भेजे गए कर नोटिस में तय राशि से अधिक रकम मांगी गई थी। इसी दौरान उनकी मुलाकात विरेश और गुरजीत नामक दो कर्मचारियों से हुई, जिन्होंने कर में कमी दिलाने के नाम पर उनसे ₹1000 की रिश्वत मांगी।
सद्दीमु मंसूरी ने रिश्वत देने से पहले विरोध जताया, लेकिन जब काम नहीं हुआ तो उन्होंने मजबूरी में पैसे दिए और इस पूरी प्रक्रिया का वीडियो बना लिया। वीडियो के अनुसार, आरोपित कर्मचारियों ने कर विभाग से अलग पालिका के सभागार कक्ष में ले जाकर रिश्वत की रकम ली।
इस मामले पर अधिशासी अधिकारी इंद्रपाल सिंह ने कहा,
“वायरल वीडियो में दिख रहे दोनों कर्मचारी आउटसोर्सिंग पर कार्यरत थे। दोनों को तत्काल प्रभाव से सेवा से हटा दिया गया है और कर निर्धारण अधिकारी को जांच के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।”
जिले में जिलाधिकारी की सख्ती के बावजूद सरकारी कार्यालयों में छोटे-छोटे कार्यों के लिए सुविधा शुल्क वसूली के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जो यह दर्शाते हैं कि कुछ कर्मचारी प्रशासनिक व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवही की जाएगी।