जनपद हापुड़ में शहर की पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए 125 करोड़ की अमृत योजना फेज 2 नगर पालिका और क्षेत्रीय अधिकारियों की हीलाहवाली के कारण परवान नहीं चढ़ सकी है। नगर पालिका द्वारा जमीन उपलब्ध न कराने के कारण शासन ने स्वीकृत धनराशि को रोक दिया है।
जल निगम द्वारा हापुड़ पुनर्गठन अमृत योजना 2.0 ट्रेंच के अंतर्गत हापुड़ शहर में चार ओवरहेड टैंक, छह भूमिगत टैंक का निर्माण व 17 नलकूप लगाए जाने थे। इस कार्य के लिए एक साल पहले ही जल निगम को 125 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके थे। इसके लिए नगर पालिका को शहर में नलकूप और ओवरहेड टैंक के लिए जमीन तलाश करनी थी। लेकिन अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई।
जल निगम के बार-बार पत्राचार के बाद भी निर्माण के लिए नगर पालिका द्वारा भूमि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। पेयजल पुर्नगठन योजना फेज-1 में न्यू शिवपुरी, त्यागी, नगर पक्का बाग, कविनगर, पन्नापुरी, प्रेमपुरा, इंद्रलोक, कृष्णा नगर, शास्त्री नगर, भंडापट्टी, निवाजीपुरा, आवास विकास कॉलोनी, सोटावाली आदि कॉलोनियों में कुल 11 नलकूप, तीन ओवरहेड टैंक, चार भूमिगत जलाशय का निर्माण होना है।
जबकि अमृत योजना पार्ट-2 में लज्जापुरी, शिव गांधी, चमरी, रफीकनगर, आदर्श नगर, चंद्रलोक व अन्य कॉलोनी में कुल छह नलकूप, एक ओवरहेड टैंक, दो भूमिगत जलाशय का निर्माण किया जाना है। वहीं योजना के अंतर्गत जर्जर हो चुकी 85 किलोमीटर पुरानी पाइप लाइन को बदला जाना है। अभी तक एक कनेक्शन पर औसतन 60 लीटर पानी मिलता है, नलकूप लगने और ओवरहेड टैंक बनने के बाद इसकी क्षमता दोगुना हो जाती।
इस संबंध में जल निगम के अधिकारियों द्वारा कई बार नगर पालिका के अधिकारियों को पत्राचार किया। डीएम को भी अवगत कराया गया है। लेकिन पालिका ने इसमें रुची नहीं ली है, जिसके कारण करीब एक वर्ष बीत जाने के बाद भी कार्य शुरू नहीं हो सका। अब शासन द्वारा योजना के तहत मिलने वाली धनराशि को रोक दिया है।
जल निगम के सहायक अभियंता नसीम अहमद ने बताया कि फिलहाल परियोजना को शासन से होल्ड करने के आदेश प्राप्त हुए हैं, भविष्य में जमीन मिलती है तो इस ओर विचार किया जाएगा।