हापुड़ में स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में करीब 25 हजार लोग विटामिन-डी की कमी से पीड़ित मिले हैं, जिस कारण उनके शरीर में कैल्शियम की पूर्ति नहीं होने से हड्डियां कमजोर हैं। व्यस्कों के साथ बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं। खानपान और दैनिक दिनचर्या इसका बड़ा कारण है, ऐसे लोगों की दवाएं शुरू की गई हैं।
फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि जो भी हम खाते हैं उसमें पौषक तत्व होते हैं। जिसमें विटामिन-डी भी एक महत्वपूर्ण है। इससे ही हड्डियों में पाया जाने वाला कैल्शियम बनता है। लेकिन खान पान में संतुलित और पौष्टिक आहार की कमी के कारण विटामिन-डी कम बन रहा है। जिसके कारण हड्डियां कमजोर हो रही हैं।
उन्होंने बताया कि ओपीडी में आए ऐसे मरीजों की जांच कराई गई है, लंबे समय तक चले सर्वे में हजारों लोग ऐसे मिले हैं, जिनकी हड्डियां कमजोर हैं। इनमें विटामिन-डी की भारी कमी पाई गई है। ऐसे मरीजों को हड्डियों का दर्द, जोड़ों में परेशानी, चलने में परेशानी, घुटने चटकने समेत कई तरह की शिकायतें रहती हैं।
उन्होंने बताया कि सूर्य की धूप विटामिन- डी का अच्छा स्त्रोत है। विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियों में दर्द होता है। विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियों से कैल्शियम कम हो जाता है, जिसकी वजह से दर्द शुरू हो सकता है। विटामिन डी की कमी से हड्डियों में कमजोरी महसूस हो सकती है। ऐसे में धूप लेने और खानपान में सुधार की अवश्यकता है।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की हमें दिन में कुछ समय आवश्यक ही धूप में बैठना चाहिए। इसके साथ ही शारीरिक श्रम करना चाहिए, इनसे हड्डियां मजबूत होती हैं। शरीर में इन तत्वों की पूर्ति के लिए खान पान के साथ दवाएं भी शुरू करें। सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाएं हैं। काउंसलिंग भी कराई जा रही है।