हापुड़ में कड़ाके की सर्दी में हड्डियां और जोड़ चसक रहे हैं, पुरानी चोट और दर्द भी उबर आए हैं। लेकिन हापुड़ के जिला अस्पताल और सीएचसी में कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं। ऐसे में मरीजों को गढ़ जाना पड़ रहा है। खासतौर से बुजुर्गों और महिलाओं में यह समस्या ज्यादा है।
कड़ाके की ठंड और बढ़ती शीतलहर की चलते हड्डियों, जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ गई है। हड्डियों की बीमारी वाले मरीजों की अस्पताल में लंबी लाइन लग रही है। सीएचसी हापुड़ की ओपीडी में 1200 से 1500 के आसपास मरीज आ रहे हैं, इनमें 90 से 110 मरीज हड्डी संबंधी रोगों की समस्या को लेकर आ रहे हैं। जिला अस्पताल में भी हड्डी संबंधी रोगों के करीब 70 मरीज पहुंच रहे हैं।
इसमें कई मरीज ऐसे हैं जो हड्डी और जोड़ों के पुराने मर्ज से पीड़ित है। सर्दी बढ़ने के बाद उनके जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ गई है। खासकर बुजुर्गों को ऐसी परेशानी अधिक हो रही है। जिला अस्पताल की हड्डी रोग विशेषज्ञ इस इस्तीफा दे चुकी हैं। ऐसे में वहां हड्डी रोग का इलाज नहीं है। वहीं, सीएचसी हापुड़ के हड्डी रोग विशेषज्ञ का पहले ही गढ़ स्थानांतरण हो चुका है।
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. आरडी शर्मा का कहना है कि ठंडा मौसम होने से मांसपेशियों और नसों में सिकुड़न होने लगती है, जिसे हड्डियों के जोड़ों – और मांसपेशियों में खिंचाव होने के कारण दर्द होता जाता है। बुजुर्ग और महिलाओं को इस तरह की समस्याएं ज्यादा होती हैं। लोगों को हड्डियों व जोड़ों में दर्द से बचने के लिए ठंड से बचाव वाले तरीके अपनाने चाहिए। कोई भी परेशानी होती है तो विशेषज्ञ चिकित्सक से उपचार कराएं।