जनपद हापुड़ में सरकारी अस्पतालों में फरवरी और मार्च के अंदर इन दो महीने में उच्च रक्तचाप के 1800 मरीज मिले है।
हर महीने देखा जाए तो जनवरी के बाद पहली बार फरवरी और मार्च के अंदर मधुमेह से ज्यादा रक्तचाप के मरीज मिले हैं। रक्तचाप के 1800 मरीज को चिन्हित किया गया हैं। इनकी काउंसलिंग कर, दवाएं शुरू की गई हैं। हृदयघात और अन्य बीमारियों का ऐसे मरीजों में अधिक प्रभाव है।
बुजुर्गों के साथ-साथ 30 साल के युवा भी इन बीमारियों से पीड़ित हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हापुड़ की काउंसलर ऊषा गुप्ता ने बताया कि उच्च रक्तचाप से पीड़ित मिले मरीजों की काउंसलिंग में पता चला कि मरीज किसी न किसी बात को लेकर तनाव में थे, कुछ की दिनचर्या गलत मिली और बहुत से खराब खान पान की वजह से रक्तचाप के मरीज बने।
फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल- ने कहा कि कोरोना महामारी में जिन मरीजों पर ज्यादा स्टेरॉयड का प्रयोग हुआ, उनमें सबसे अधिक मधुमेह और रक्तचाप की पुष्टि हो रही है। यही कारण है कि वर्ष 2020 के बाद से अचानक ऐसे मरीजों की भीड़ सी आ गई है।
हापुड़ जिला अस्पताल के सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने कहा कि मरीजों को पर्याप्त दवाएं दी जा रही हैं।