हापुड़। महिलाओं में खून की कमी और थायराइड होने से संतान के विकास पर असर पड़ रहा है। समय से पहले जन्मे और दो किलोग्राम से कम वजन के नवजातों में अंधापन मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की जांच में एक बच्चा सिंभावली में मिला है। अब ऐसे बच्चों के जीवन में रोशनी लाने के लिए विभाग रेटिनोपैथी कराएगा। वहीं एक बच्ची के दिल में छेद मिला है।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में खून की कमी सबसे अधिक मिल रही है। स्वास्थ्य विभाग की जांच में 40 फीसदी से अधिक गर्भवतियों में यह समस्या है। साथ ही बहुत सी गर्भवतियों में थायराइड अधिक मिला है। ऐसी महिलाओं के गर्भ से जन्म ले रहे बच्चों में विकार अधिक मिल रहे हैं। जिले के विभिन्न गांव, मोहल्लों में 20 से अधिक ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है। जिनके पैर टेढ़े हैं, कटा तालवा और कमर में फोड़ा भी इन बच्चों के जीवन पर खतरा बन रहे हैं। जिला अस्पताल में फुट क्लब वार्ड में इन बच्चों का उपचार शुरू कराया गया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जांच में सबसे अधिक बच्चों के टेढ़े पैर, कटा तालवा, कमर में फोड़ा मिला हैं, इसके साथ ही दिल में छेद, बहरापन और खून की अत्यधिक कमी वाले बच्चे मिल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग इन बच्चों का इलाज करवा रहा है।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की नवजात बच्चों में अंधापन, दिल में छेद की समस्या बढ़ी है। ऐसे बच्चों को चिह्नित कर, उनकी सर्जरी और रेटिनोपैथी कराई जाएगी। टीमों द्वारा सर्वे कराया जा रहा है।