हापुड़ नगर पालिका में जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र न बनने के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। दोनों कागजों का कई जगह प्रयोग होता है। अधिकारियों से शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है। हालांकि इन्हें बनाने के लिए समय सीमा भी निर्धारित है, लेकिन पालिका में सभी नियम ताक पर रखे हुए हैं। निर्धारित समय सीमा का पालन नहीं हो रहा है।
शहर की करीब सवा तीन लाख की आबादी है। इसमें से हर दिन दो से चार की मृत्यु किसी न किसी कारण से होती है। इसके अलावा करीब आठ से दस बच्चों का जन्म होता है। बहुत से लोगों ने जन्म प्रमाण-पत्र भी नहीं बनवाए हुए हैं।
इसके चलते नगर पालिका से जन्म और मृत्यु का प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में प्रतिदिन लोग पहुंचते हैं, लेकिन इन लोगों को समय से प्रमाण-पत्र नहीं मिल रहे हैं। जबकि, यह दोनों ही दस्तावेज बहुत अधिक जरूरी हैं और कई जगहों पर इनका प्रयोग होता है। नगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग के जिन कर्मचारियों की ड्यूटी इस कार्य में लगाई गई है। वह सही जवाब तक नहीं लोगों को देते हैं। इस कारण लोगों को पालिका में दस्तावेज के लिए भटकना पड़ रहा है। लोग जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए बार-बार चक्कर लगाते है। जिसके चलते लोग परेशान है।
जन्म और मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए पहले शपथ-पत्र को एसडीएम सदर कार्यालय में जमा करना होता था। वहां से उसे ईओ को भेज दिया जाता था, लेकिन अब सिस्टम बदल गया है। अब पहले नगर पालिका कार्यालय में दस्तावेज जमा होते हैं। यहां से उन्हें एसडीएम सदर के कार्यालय भेजा जाता है। इस कारण सबसे अधिक प्रक्रिया में समय लग रहा है। कर्मचारी महीने में एक या दो बार सभी आवेदन एकत्र करके ही एसडीएम कार्यालय लेकर जाते हैं। जबकि, ऐसा नहीं होना चाहिए।
ईओ व डिप्टी कलक्टर मनोज कुमार- ने बताया की किसी के जन्म या मृत्यु प्रमाण-पत्र में देरी हुई है तो वह शिकायत करें। इसकी जांच कराई जाएगी कि किस स्तर पर लापरवाही हुई है। तय समय सीमा में प्रमाण-पत्र बनाने के लिए संबंधित कर्मचारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं।