हापुड़/पिलखुवा। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) दिल्ली एवं गाजियाबाद की संयुक्त टीम ने बृहस्पतिवार देर रात टेक्सटाइल सेंटर स्थित एक फैक्टरी पर छापा मारा। टीम ने मौके से बड़ी मात्रा में नकली दवाएं बरामद की, जिनकी कीमत करीब 25 लाख रुपये बताई जा रही है। टीम ने फैक्टरी को सील करते हुए संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। टीम इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों को शिकायत प्राप्त हुई थी कि पिलखुवा औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक फैक्ट्री में भारी मात्रा में नकली दवाई बनायी जा रही है। जिसके बाद भारत सरकार के औषधि महानियंत्रक डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी और प्रदेश हैड डॉ. हेमंत चौधरी और औषधि निरीक्षक हिरेंद्र चौधरी के नेतृत्व में बृहस्पतिवार की देर रात टीम ने टेक्सटाइल सेंटर स्थित रुस्तम इंडस्ट्रीज पर छापा मारा। टीम के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद था। टीम ने सबसे पहले फैक्टरी का मुख्य गेट बंद कर संचालक अजय शर्मा को हिरासत में लेकर कार्यवाही शुरू की। यहां मौजूद दवाइयों की जांच की गई।
टीम के अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान फैक्टरी के अंदर से दवाइयों की बड़ी खेप बरामद हुई है। दवाइयों के कार्टून को कब्जे में लेकर उनकी जांच की गई। सभी दवाइयां नकली हैं और इनके माध्यम से लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा था। टीम ने यहां जांच करते हुए दो ब्लस्ट व दो स्ट्रीप मशीनों को सील कर दिया। टीम के अनुसार संचालक अजय शर्मा निवासी गांव आलमपुर के पास दवा बनाने का लाइसेंस तक भी नहीं है। उसके साथ शामिल कर्मचारियों को भी हिरासत में लिया गया है, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
औषधि निरीक्षक हापुड़ हिरेंद्र चौधरी- ने बताया की बिना लाइसेंस फैक्टरी संचालित कर नकली दवाएं बनाने की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर यह कार्यवाही की गई है। करीब 25 लाख की दवाइयां बरामद की गई हैं। जिनका प्रयोग करने से स्वास्थ्य’ पर बुरा असर पड़ता है। आरोपी को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। जिले में अभियान जारी रहेगा।