हापुड़। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता डीएम कार्यालय पहुंचे जहां पर उन्होंने किसानों की विभिन्न समस्यायो को लेकर डीएम को सौंपा एक ज्ञापन सौंपा और किसने की समस्याओं का समाधान करने की मांग की।
डीएम को दिए गए ज्ञापन में भाकियू द्वारा मांग की गई कि गन्ना शुगर मिलों द्वारा किसानों का गन्ना भुगतान अभिलंब किसानों के खाते में मय ब्याज के पहुंचना चाहिए। गन्ना भुगतान न होने के कारण किसानों के बच्चों की फीस जमा न होना। गन्ना भुगतान न होने के कारण किसान का विद्युत बिल जमा न होना। भुगतान न होने के कारण विद्युत विभाग द्वारा किसानों के कनेक्शन काटना, इसलिए जल्द से जल्द समस्या का समाधान किया जाए। जिससे किसान अपने परिवार का पालन पोषण अच्छी तरीके से कर सकें।
विद्युत विभाग, विजिलेंस का रात के 3-3 बजे बगैर महिला पुलिसकर्मी के घरों में घुसना, छापा मारने के नाम पर किसानों का उत्पीड़न अवैध वसूली करना, अवैध वसूली न देने पर किसानों पर मुकदमे दर्ज करना दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही गढ़मुक्तेश्वर अधिशासी अभियंता एवं गढ़मुक्तेश्वर अभर अभियंता जेई धनंजय के खिलाफ मय सबूत पेपर दिए जा रहे हैं। जिससे पता चलता है की दोनों ही भ्रष्टाचार में लिप्त है और ऊर्जा निगम को चूना लगा रहे हैं।
अटूटा, छोइया के पास 33 केबी स्विफ्ट लाइन की जांच कराई जाए जिसमें अभर अभियंता को सस्पेंड किया जाए। लेकिन मुख्य रूप से सम्मिलित अधिशासी अभियंता गढ़मुक्तेश्वर के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। अतः दो दिन के अंदर जांच करा कर इन लोगों को सस्पेंड किया जाए। अन्यथा भारतीय किसान यूनियन देश हित में गढ़मुक्तेश्वर एक्शन के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगी।
ज्ञापन में मांग की गई कि खनन के नाम पर किसानों पर मुकदमे जबकि जिले में खनन माफियाओं का बोलबाला नहीं होती इन लोगों पर कोई भी कार्यवाही अवैध खनन चरम पर, प्रतिबंध पेड़ों का कटान मिलीभगत द्वारा सड़कों पर ओवरलोडिंग, डग्गामार बसें चलाई जा रही हैं जिन पर सख्त कार्यवाही हो। आवारा पशुओं द्वारा किसानों की फसले नष्ट हो रही है किसान रात-दिन पशुओं से अपनी फसलों को बचा रहे है। आवारा पशु हिंसक होने के कारण पिछले वर्ष गढ़मुक्तेश्वर तहसील में पांच किसानों की मौत हो चुकी है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। थानों में फरियादों साथ होता है अभद्र व्यवहार, भ्रष्टाचार चरम पर, लगातार रिश्वतखोरी के मामले सामने आ रहे है। जल्द भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की जाए।
भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने डीएम को शिकायती पत्र देते हुए समस्याओं का समाधान कराने की मांग की और समस्याओ का समाधान न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी। डीएम ने भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी को उनकी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन भी दिया।