हापुड़। भाकियू किसान सभा ने प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों पर घोटाले का आरोप लगाते हुए जाँच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित विज्ञापन हापुड़ जिला अधिकारी को सोपा।
भाकियू किसान सभा द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण द्वारा नीलामी में बेचे गये बड़े भूखण्डों ग्रुप हाउसिंग व ऑफिशियल लैन्डयूज की नीलामी उपरांत बिल्डरों को फायदे के लिये 72वीं बोर्ड मीटिंग में उन भूखण्डों के भू-उपयोग परिवर्तित करके टुकड़ो-टुकड़ो में विक्रय करने का प्रस्ताव पास कर शासन को भेजा है। जिससे प्राधिकरण को कई सौ करोड़ का नुकसान हो रहा है।
यदि टुकड़ों में करके प्लाट ही बेचने थे तो प्राधिकरण को स्वयं के लिये प्रस्ताव पास कराना था। क्योंकि अभी तक काफी आवंटियों के प्लाट की रजिस्ट्री नहीं हुई है। ज्ञापन में कहा गया कि आनन्द विहार योजना को लगभग 15 वर्ष हो चुके है। आवंटी प्लाट प्राप्त करने की आस लगाये बैठे हैं। जिससे छोटे प्लाट चाहने वाले आवंटियों को प्लाट मिलतें और शेष बचे हुए प्लाटों को नीलामी के माध्यम से बेचा जा सकता था।
इस तरह से प्राधिकरण को करोड़ों रूपये का फायदा होता लेकिन प्राधिकरण के कुछ बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से बिल्डरों को फायदा पहुँचाने की मंशा से और अपने व्यक्तिगत फायदे के लिये भू-उपयोग परिवर्तित किया गया है। जिससे स्पष्ट होता है कि इस प्रकरण में भ्रष्टाचार किया जा रहा है। कहा गया कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों ने सरकार को बदनाम करने का काम किया है। जिससे जनहित में निष्पक्ष जांच कराया जाना अति आवश्यक है।
ऐसे भ्रष्ट अधिकारी शासन को बदनाम करने में लगे हुए हैं। नीलामी में बिल्डरों द्वारा भूखण्ड की कीमत का 10 प्रतिशत जमा कराकर भूखण्ड प्राप्त किया जा रहा है। शेष धनराशि जमा ना करने के लिये अपनी आर्थिक स्थिति को कमजोर बताकर छोटे-छोटे भूखण्डों में परिवर्तित करने की साजिश अधिकारियों से मिलकर की गयी है। भाकियू किसान सभा द्वारा मुख्य्मंत्री से मांग कि गईं की प्रकरण की निष्पक्ष जांच करायी जाये और सभी आरोपित अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाये।