जनपद हापुड़ में इस बार जुलाई में मौसम की मेहरबानी से धान किसान उत्साहित हैं। मौसम की अनुकूलता से खेतों में बासमती धान लहलहाने लगा है। कृषि अधिकारियों को विश्वास है कि इस बार हापुड़ धान उत्पादन में सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा। इस बार करीब 26 हजार हेक्टेयर रकबे में साढ़े 12 लाख क्विंटल धान उत्पादित होने का अनुमान है।
बासमती चावल के उत्पादन में हापुड़ का अच्छा नाम है, यहां के किसान अच्छी गुणवत्ता का धान उत्पादित करते हैं। जिसकी मांग देशभर में बनी रहती हैं। यहां के बासमती चावल की खुशबू पूरे विश्व में फैल रही है। इस बार धान की नर्सरी तैयार करने से अब तक मौसम अनुकूल रहा है। जुलाई माह में बादल जमकर बरसे और किसानों ने भी दिल खोलकर धान रोपाई की। अब झमाझम बारिश फसल को निरोगी और तेजी से विकसित करने में मद्द कर रही है।
कृषि विभाग की मानें तो जिले के 26 हजार हेक्टेयर रकबे में इस बार धान की रोपाई की गई है, जो बीते वर्ष के मुकाबले करीब एक हजार हेक्टेयर अधिक है। आंकड़ों पर गौर करें तो बीते वर्ष जिले में धान का उत्पादन 44 क्विंटल/हेक्टेयर था। लेकिन मौसम की अनुकूलता से कृषि अफसरों का अनुमान है कि इस बार धान का उत्पादन 45 क्विंटल/हेक्टेयर तक पहुंच सकता है।
ऐसे में मौसम सही रहा तो जिले में करीब साढ़े 12 लाख क्विंटल धान उत्पादित होगा, जो जिले की मंडी को सजाए रखेंगे, साथ ही प्रदेश की अन्य मंडियों में भी अपनी छाप छोड़ेगा। अच्छी बारिश के बाद बासमती चावल की बंपर पैदावार होगी। फसल पर रौनक देख किसान भी काफी खुश नजर आ रहे हैं। बासमती चावल की खुशबू हर जगह फैल रही है।
इस बार का मौसम धान की फसल के लिए अनुकूल रहा है। शुरूआत में तेज गर्मी के कारण मौसम में नमी नहीं रही, जिसके चलते रोगों का प्रकोप कम रहा। इसके बाद सीधे बरसात हुई तो फसल को काफी लाभ पहुंचा। हालांकि कुछ गांवों में फसल पर रोग, कीटों का प्रकोप देखा गया था, जहां हालत अब सामान्य हो चुकी है।
जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार- ने बताया की जुलाई में काफी बारिश हुई है, जिसका लाभ किसानों को धान की रोपाई में मिला है। समय से रोपाई पूरी होने और इस बार मौसम अनुकूल रहने के कारण धान के उत्पादन और वर्षों से अधिक रहने की उम्मीद है।