हापुड़ में आयुष्मान योजना में हापुड़ के श्रेष्ठ सुविधा वाले सरकारी अस्पताल उपचार देने में पीछे हैं, पांच साल में महज चार सरकारी अस्पताल सिर्फ 105 मरीजों को ही भर्ती कर पाए हैं। संशाधन और सुविधा पर सवाल उठे हैं, जिस कारण मरीजों को इन अस्पतालों पर भरोसा नहीं है। इसके उल्ट प्राइवेट अस्पतालों ने करीब 22 हजार मरीजों को उपचार दिया, प्राइवेट अस्पताल करीब 38 करोड़ का क्लेम कर चुके हैं।
सितंबर 2018 में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना शुरू हुई थी। याेजना में हापुड़ के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को जोड़ा गया है। इसमें पहले चरण में करीब 2.58 लाख पात्र शामिल हुए, जिन्हें पांच लाख तक का निशुल्क उपचार दिया जाना था। इसके बाद करीब तीन लाख पात्र और योजना से जोड़े गए हैं। जिला अस्पताल, गढ़ रोड सीएचसी, धौनाना और गढ़ सीएचसी को योजना के पैनल में रखा गया। 33 करोड़ के जिला अस्पताल ने जहां सिर्फ 30 मरीजों को योजना में भर्ती किया। वहीं, सुविधाओं के तौर पर जिले का सर्वश्रेष्ठ सरकारी अस्पताल (हापुड़ सीएचसी) में महज 22 मरीज ही भर्ती किए जा सके।
आयुष्मान योजना में हापुड़ के श्रेष्ठ सुविधा वाले सरकारी अस्पताल पीछे हो गए हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों से लेकर फिजिशियन, एमबीबीएस, प्रसूता रोग विशेषज्ञ समेत अन्य चिकित्सक इन अस्पतालों में मौजूद हैं। लेकिन व्यवस्था और सुविधाओं के मामले में मरीजों के भरोसे पर ये अस्पताल खरे नहीं उतर पाए हैं। यही कारण है कि योजना इन अस्पतालों में अब तक फेल ही रही है। बता दें कि सरकारी अस्पतालों में उपचार लेने वाले मरीजों का जो क्लेम मिलता है उसके पैसे से अस्पतालों का ही विकास होना है।
एसीएमओ डॉ.केपी सिंह- ने बताया की आयुष्मान योजना में इलाज पाने वाले मरीजों का सत्यापन कराया जा रहा है। इसमें किसी भी तरह की अनियमितता मिलने पर सख्त कार्यवाही होगी। सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों को भर्ती कर, उपचार देने के निर्देश दिए गए हैं।