जनपद हापुड़ में गरीब मरीजों को निशुल्क उपचार के लिए शुरू हुई आयुष्मान योजना में सेंधमारी का मामला सामने आया है। आठ अस्पतालों ने 654 मरीजों के कागज तैयार कर करीब डेढ़ करोड़ रुपये के क्लेम के लिए आवेदन कर दिया। इन आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है।
अंदेशा है कि मरीजों के इलाज के कागज फर्जी तरीके से तैयार हुए हैं। कार्यवाही के लिए इसकी सूचना सीएमओ कार्यालय को भी मिली है। अब पुराने बिलों के सत्यापन के लिए भी टीम का गठन किया गया है। हर मरीज का सत्यापन कराया जा रहा है। चार साल में अस्पताल 21 करोड़ से अधिक का क्लेम पा चुके हैं।
2014 की जनगणना की सूची से करीब 2.52 लाख लोगों का योजना में चयन किया गया था। हालांकि योजना में अनेकों धन्ना सेठ लोग भी शामिल हो गए। इस योजना का उद्देश्य गरीब एवं असहाय परिवारों पर बीमारियों पर खर्चे होने वाले आर्थिक बोझ एवं गुणवत्तापूर्वक इलाज समय पर उपलब्ध कराना है।
जबकि गरीब इससे वंचित रहे। इसके बाद 53 हजार श्रमिकों को भी योजना से जोड़ दिया गया। अब तक 14 हजार से अधिक मरीजों को इस योजना में उपचार दिलाया गया है।
सीएमओ ने संज्ञान लेकर, सत्यापन के आदेश दिए हैं। क्योंकि संभावना है कि इन कागजों में कुछ न कुछ फर्जीवाड़ा किया गया है। जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा। सीएमओ कार्यालय में इस कार्यवाही के बाद से अफरा तफरी है। हाल ही में आठ अस्पतालों द्वारा क्लेम के लिए भेजे 654 मरीजों के कागज निरस्त कर दिए गए हैं।
हापुड़ सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- आयुष्मान योजना में उपचार पाने वाले हर मरीज का सत्यापन होता है। बाहर से भी इस योजना की मॉनिटरिंग कर रही टीम सत्यापन करती है। गलत कार्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।