जनपद हापुड़ में मुरादबाद से दिल्ली के बीच रेलवे लाइन पर प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम लगाए जाएंगे। गढ़ से गाजियाबाद के बीच दो करोड़ रुपये की लागत से दस ऑटोमेटिक ब्लॉक हट का निर्माण किया जाएगा।
हापुड़ रेलवे स्टेशन पर रोजाना 27 जोड़ी ट्रेनों का ठहराव होता है और कई ट्रेनें नॉन स्टॉप गुजरती हैं। रेलवे में अभी तक एबसोल्यूट सिग्नल सिस्टम से ट्रेनों का संचालन किया जाता है, जिससे एक ट्रेन को अगले रेलवे स्टेशन से निकलने के बाद ही दूसरी ट्रेन को सिग्नल देकर निकाला जाता है। ऐसे में सिग्नल देरी से मिलने के कारण ट्रेनों को किसी स्टेशन या फिर रेल ट्रैक पर रोकना पड़ता है।
रेलवे ने ट्रेनों का संचालन दुरुस्त करने के लिए सिग्नल सिस्टम को अब ऑटोमेटिक सिस्टम में बदलने की तैयारी कर दी है। दिल्ली-मुरादाबाद रेलवे लाइन के बीच प्रत्येक एक किलोमीटर पर स्वचालित सिग्नल सिस्टम लगेगा। इसके लिए हापुड़ से गाजियाबाद के बीच पांच स्थानों पर ऑटोमेटिक ब्लॉक हट का निर्माण कराना शुरू कर दिया है। इसके शुरू होने से ट्रेनों को बेवजह कही भी रोकना नहीं पड़ेगा, स्टेशन यार्ड से ट्रेन के आगे बढ़ते ही ग्रीन सिग्नल मिल जाएगा। जिससे एक ही रूट पर एक के पीछे एक ट्रेन बिना लेट हुए आसानी से चल सकेगी।
यहां बनेंगे ऑटोमेटिक ब्लॉक हट हापुड़ से गाजियाबाद के बीच श्यामनगर फाटक, निजामपुर, जिंदल फैक्टरी, आध्यात्मिक नगर और महरौली के समीप ऑटोमेटिक ब्लॉक हट का निर्माण कराया जाएगा। श्यामनगर फाटक पर इसका निर्माण भी शुरू कर दिया गया है।
गाजियाबाद से गढ़ के बीच दस स्थानों पर दो करोड़ रुपये की लागत से इनका निर्माण कराया जाएगा। इसमें दो कक्षों का निर्माण होगा, एक कक्ष से ऑटोमेटिक सिग्नल को पावर सप्लाई होगी तो दूसरे कक्षा में ऑटोमेटिक स्विच के माध्यम से सिग्नल को कंट्रोल किया जाएगा और उपकरण भी रखें जाएंगे।