हापुड़ में व्यवसायिक भवनों के मानकों के अनुसार बेसमेंट में पार्किंग का होना जरूरी है। जिले में जितने भी व्यावसायिक भवन बने हुए हैं, प्राधिकरण ने अपनी सीमा क्षेत्र में नक्शा पास करने के दौरान पार्किंग की स्वीकृति दी, लेकिन अधिकांश में व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं, जबकि वाहन सड़कों पर खड़े हो रहे हैं। दिल्ली में हुई घटना के बाद शासन ने जांच के आदेश दिए हैं। प्राधिकरण में भी कमेटी का गठन किया गया है, जो तीन दिन के अंदर अपने-अपने क्षेत्रों की रिपोर्ट देंगे। मानकों का पालन न करने पर कार्यवाही होगी।
दिल्ली में हुई घटना के बाद शासन सख्त हो गया है। दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में जलभराव से तीन छात्रों की मौत के बाद शासन जागा है। मामले ने तूल पकड़ा तो अधिकारियों ने जिले में बने व्यवसायिक भवनों की सुध लेने की सोची। शहर से लेकर गांवों तक जहां कहीं भी व्यवसायिक भवन बने हुए हैं, उनमें से 80 प्रतिशत में पार्किंग की जगह दुकानें बनी हुई है।
नगर के रेलवे रोड, गढ़ रोड, बुलंदशहर रोड, मेरठ रोड, मोदीनगर रोड, फ्री गंज रोड पर करीब 25 व्यवसायिक भवन बने हुए हैं। इनमें से 22 भवनों के बेसमेंट में पार्किंग की जगह दुकानें बना दी गई हैं। ऐसे में इन भवनों के बाहर सड़कों पर ही वाहन खड़े होते हैं। शहर में जाम की समस्या अवैध पार्किंग भी है।जबकि, प्राधिकरण के नियमों के अनुसार 100 मीटर से अधिक भूमि पर बने व्यवसायिक भवन में पार्किंग का होना जरूरी है। ऐसे में अब शासन के आदेश के बाद प्राधिकरण के सचिव ने कमेटी गठित कर दी है।
एचपीडीए सचिव सीओ त्रिपाठी- ने बताया की शाशन के निर्देश पर कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी तीन दिन में निरीक्षण करने के बाद संबंधित नियमों के अनुसार रिपोर्ट सौंपेगी।