पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत ने नाबालिग बालिका से दुष्कर्म का प्रयास करने वाले अभियुक्त अबुजर को दोषी करार देते हुए तीन वर्ष के सश्रम कारावास और 10,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने पीड़िता को 25,000 रुपये का मुआवजा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से देने का भी आदेश दिया है।
📅 मामला: मार्च 2022 की घटना
थाना हापुड़ देहात क्षेत्र के मोहल्ला निवासी व्यक्ति ने 11 मार्च 2022 को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि
- घटना की रात वह और उसकी पत्नी रिश्तेदारी में गए हुए थे।
- घर पर उनकी नाबालिग पुत्री और पुत्र अकेले थे।
- रात करीब साढ़े दस बजे अभियुक्त अबुजर सामान लेने के बहाने उनके घर आया।
- इस दौरान पुत्र छत पर सोने चला गया था और बेटी नीचे काम कर रही थी।
जैसे ही लड़की ने दरवाजा खोला, अबुजर जबरन दुकान में घुस आया और उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया।
बालिका के शोर मचाने और सामान गिरने की आवाज सुनकर भाई नीचे आया, तब जाकर आरोपी भाग गया।
पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया।
🏛️ न्यायालय का फैसला
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ज्ञानेंद्र सिंह यादव ने मामले में सुनवाई पूरी करते हुए कहा:
- धारा 452 IPC के तहत
👉 3 वर्ष का सश्रम कारावास
👉 ₹5,000 का अर्थदंड
👉 भुगतान न करने पर 15 दिन का अतिरिक्त कारावास - पॉक्सो एक्ट की धारा 7/8 के तहत
👉 3 वर्ष का सश्रम कारावास
👉 ₹5,000 का अर्थदंड
👉 भुगतान न करने पर 15 दिन का अतिरिक्त कारावास
साथ ही, अदालत ने निर्देश दिया कि पीड़िता को ₹25,000 की प्रतिकर राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से प्रदान की जाए।