जनपद हापुड़ के दान पत्रों पर छह महीने के अंदर 900 करोड़ रुपये की संपत्तियां इधर से उधर हो गई हैं। सात फीसदी स्टांप के बजाए महज 5 हजार के स्टांप शुल्क पर ही 20 से 40 करोड़ की संपत्तियां दूसरे नामों पर हस्तांतरित हुई हैं।
दरअसल, पुस्तैनी संपत्तियों के बंटवारे जिले में अक्सर होते रहते हैं। परिवार के जिन नामों पर संपत्ति जानी होती है, वह उप निबंधन कार्यालय में रजिस्ट्री कराने का दम नहीं भर पाते। क्योंकि इसमें रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप शुल्क इतना महंगा हो जाता है कि लोगों का बजट ही बिगड़ जाता है।
शासन ने 18 जून 2022 का दान पत्र योजना शुरू की थी। इसमें खून का रिश्ता रखने वाले लोगों को बिना स्टांप शुल्क लिए ही रजिस्ट्री कराने का मौका दिया गया था।
समयावधि छह महीने ही रखी गई थी। सालों से अटके पड़े बैनामे भी इस योजना में सफल हुए। महज 180 दिन के अंदर ही जिले के तीनों तहसीलों में 900 करोड़ की संपत्ति के बैनामे हो गए।
एआईजी स्टांप-अरुण शर्मा ने बताया कि दान पत्रों पर छह महीने के अंदर 3978 रजिस्ट्री हुई हैं, योजना की तिथि नहीं बढ़ सकी है। राजस्व के लिहाज से जिले में यह योजना सफल हुई है।