जनपद हापुड़ में स्वास्थ्य विभाग में सेवा देने वाली आशा ही लिंग परीक्षण के खेल की मास्टरमाइंड निकली। हापुड़ से लेकर हरियाणा तक की महिलाओं को दादरी निवासी आशा (अनीता) ही तैयार करती थी। 20 दिन से पीसीपीएनडीटी के नोडल डॉ. दिनेश खत्री उसकी निगरानी करा रहे थे।
बृहस्पतिवार देर रात एसीएमओ हापुड़ डॉ दिनेश खत्री ने मुखबिर की सूचना पर प्रसव पूर्व भ्रूण लिंग जांच कराने वाले गिरोह के सदस्यों का पीछा किया। हापुड़ जिले से लोगों का पीछा करना शुरू किया। गिरोह के सदस्य जांच कराने वाली महिलाओं को अमरोहा जनपद की सीमा में ले गए।
हसनपुर क्षेत्र की अब्दुल्ला कॉलोनी में एक मकान में छापा मारकर प्रसव पूर्व लिंग जांच का खुलासा किया। दो महिलाओं समेत छह लोगों को पकड़ा गया। टीम ने गिरोह से पोर्टेबल मशीन भी बरामद की है।
हापुड़ जिले की सीमा में सबसे अधिक लिंग परीक्षण हरियाणा की महिलाओं के हो रहे हैं। इस साल में चार से अधिक मामले पकड़े गए हैं, हर बार अल्ट्रासाउंड करने वाले और इस खेल के मास्टर माइंड बचते रहे। करीब एक महीना पहले सीएचसी में कुछ महिलाएं आई थी, अधीक्षक से उन्होंने लिंग परीक्षण के बारे में पूछा।
इस पर अधीक्षक ने उन्हें कानून का पाठ पढ़ाया। इतने में ही एक महिला बोली कि आपके विभाग की आशा तो आसानी से यह काम करा देती हैं। डॉ. दिनेश खत्री को पीसीपीएनडीटी का नोडल भी नामित किया गया है, महिला के बोल सुनते ही वह हैरान रह गए। पूछताछ में दादरी निवासी आशा अनीता का नाम सामने आया।
एक गोपनीय टीम को उन्होंने आशा की निगरानी में लगा दिया। इसी दौरान गांव सबली निवासी राहुल का नाम भी सामने आया। इन लोगों की पूरी निगरानी की जा रही थी, बृहस्पतिवार को हरियाणा से आई महिला को गर्भ जांच कराते टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया।
इस बार पोर्टेबल मशीन भी मिल गई, जिसे आसानी से एक से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। टेक्नीशियन तिलकराम को रंगे हाथ पकड़ा गया। इस मामले में 6 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है।
एसीएमओ डॉ दिनेश खत्री ने बताया कि प्रसव पूर्व भ्रूण लिंग जांच का खुलासा हुआ है। गिरोह के सदस्य भ्रूण जांच कराने के लिए 12 हजार रुपये लेते थे। छह सदस्य पकड़े गए हैं। जिन्हें पुलिस को सौंप दिया गया है। कानूनी कार्यवाही हो रही है।