हापुड़ में चीनी मिलों के चालू होने से मंडी में गुड़ की आवक 20 फीसदी तक घट गई है। हालांकि दामों में 250 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि स्थानीय बाजार में भी गुड़ की खूब खपत हो रही है। गुड़ व्यापारियों ने सुविधाओं को लेकर मंडी सचिव के समक्ष अनेक मांगें भी रखी हैं।
जिले में तीन सालों के अंदर गन्ने का रकबा पांच हजार हेक्टेयर तक कम हुआ है। इसका बड़ा कारण चीनी मिलों की गलत भुगतान प्रणाली है। ऐसे में शुरूआत में ही किसान क्रेशरों पर नकद में गन्ना सप्लाई कर देते हैं। चीनी मिल चालू होने से पहले मंडी में प्रतिदिन करीब 13 से 15 गाड़ी (20 टन गुड़ प्रति गाड़ी) पहुंच रहीं थी।
लेकिन जैसे ही चीनी मिल चालू हुए हैं, गाडिय़ों की आवक 10 से 12 रह गई है। इसका बड़ा कारण यह भी है कि सर्दी शुरू होने के साथ ही अब लोकल बाजारों में भी गुड़ की खपत बढने लगी है। पिछले कुछ दिनों से मंडी में 3250 रुपये प्रति क्विंटल तक खरीद हो रही है। इस समय कई राज्यों से गुड़ की जबरदस्त मांग है, जो इन दिनों असम, बिहार, बंगाल, गुजरात, राजस्थान, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड में गुड़ की सप्लाई हो रही है।
अध्यक्ष गुड़ गल्ला व्यापार संघ के संजीव कुमार- ने बताया की हापुड़ गुड़ की सबसे बड़ी मंडी है लेकिन, यहां सुविधा कुछ खास नहीं हैं। गुड़ भंडारण की व्यवस्था तक नहीं है, जबकि इसके लिए मंडी समिति के अधिकारियों से मांग की जा चुकी है।