जनपद हापुड़ में सांसों पर संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। सुबह तेज हवा के बावजूद प्राणवायु रेड जोन में बनी हुई है। वायु प्रदूषण कम न होने के बावजूद स्कूलों को खोल दिया गया है। इधर, सड़कों पर खुलेआम कूड़ा जल रहा है और निर्माण कार्य भी जारी हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में हालात और अधिक भयावह हो सकते हैं। सोमवार को भी घर से बाहर निकलने पर आंखों में जलन बरकरार रही।
सर्दियों के आते ही प्रदूषण की समस्या आम हो जाती है। शहर की वायु गुणवत्ता बेहद खतरनाक श्रेणी में चली गई है। तेज हवा के बावजूद प्राणवायु रेड जोन में बनी हुई है। सोमवार को भी सुबह आठ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 320 अंक पर दर्ज हुआ। सुबह और शाम के समय एक्यूआई न घटने से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। सोमवार को सुबह और शाम के समय स्मॉग का असर रहा। इस कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ भी हुई।
सीएचसी में सोमवार को आंखों की जांच कराने 80 से अधिक मरीज पहुंचे। सड़कों पर धूल उड़ने के कारण लोगों को आंखों की परेशानी हो रही है। इसके अलावा सांस के करीब 65 मरीज पहुंचे हैं। जबकि, निजी अस्पतालों में यह संख्या दोगुना से अधिक है।
वायु प्रदूषण के कारण पार्कों में सुबह व शाम के समय टहलने वालों की संख्या तेजी से कम हुई है। टहलते समय सांस लेने में तकलीफ महसूस होने के कारण बुजुर्गों और हृदय से पीड़ित मरीजों की संख्या घटकर 25 प्रतिशत रह गई है।
एडीएम संदीप कुमार- ने बताया की कूड़ा जलने के मामलों में कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। यदि पालिका के ईओ गड़बड़ी कर रहे हैं तो उनके विरुद्ध भी कार्यवाही की जाएगी। वायु प्रदूषण के हालात में सुधार हुआ है। इसलिए सोमवार से स्कूल खोले गए हैं। उच्च अधिकारियों का कोई आदेश आता है तो फिर स्कूलों को बंद कराया जाएगा।