जनपद हापुड़ में अधिवक्ता व रोडवेज कर्मियों में बुधवार को हुई मारपीट के मामले में पुलिस की एकतरफा कार्यवाही के विरोध में रोडवेज कर्मियों ने चक्काजाम कर दिया। बसों को डिपो में खड़ा कर कर्मचारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
बुधवार को कंडक्टर सीट पर बैठने को लेकर एक अधिवक्ता के बहनोई व परिचालक में कहासुनी हो गयी जो विवाद में बदल गयी थी। जिसके बाद मामले की जानकारी करने हापुड़ डिपो पहुंचे अधिवक्ताओं और रोडवेज कर्मियों में मारपीट हो गई थी। जिसमें दो अधिवक्ता घायल हो गए थे। अधिवक्ताओं ने रोडवेज कर्मियों पर हमला करने और चेन छीनने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में परिचालक अंकुर शर्मा, राजकुमार, पंकज राठी व अज्ञात के खिलाफ विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करायी थी।
बृहस्पतिवार सुबह पुलिस ने आरोपी परिचालक अंकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिससे मारपीट के मामले में पुलिस की एकतरफा कार्यवाही से नाराज रोडवेज कर्मी सुबह-सुबह साढ़े सात बजे डिपो में एकत्र हो गए और चक्का जाम कर दिया। कर्मचारियों ने बसों को डिपो में खड़ा कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
कर्मचारियों का कहना था कि पुलिस ने अधिवक्ताओं के दबाव में आकर उनकी तरफ से कार्यवाही की है। जबकि अधिवक्ताओं ने यहां आकर हमला किया और रोडवेज कर्मियों की आत्मरक्षा में उन्हें चोट लगी। करीब तीन घंटे तक बसें डिपो के अंदर बंद रही और रोडवेज कर्मियों ने जमकर हंगामा किया। चक्काजाम की वजह से यात्री धक्के खाने को मजबूर हो गए।
मौके पर पहुंचे कोतवाली प्रभारी निरीक्षक संजय पांडेय ने मामले में रोडवेज कर्मियों की तहरीर पर भी मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद ही रोडवेज कर्मियों ने अस्थाई रूप से हड़ताल वापस ली। लेकिन शाम तक रिपोर्ट दर्ज न होने पर रोडवेज कर्मियों ने एक बार फिर हड़ताल करते हुए डिपो के बाहर धरना शुरू कर दिया। शाम तक धरना जारी था।
एएसपी मुकेश चंद मिश्रा- ने कहा है कि रोडवेज कर्मचारियों को कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है। रोडवेज कर्मियों से तहरीर प्राप्त की गई है, जिसके आधार पर उनका भी मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।