जनपद हापुड़ के पिलखुवा में गालद में डंपिंग ग्राउंड के विरोध में दो जून को गालंद में महापंचायत होगी। वहीं डंपिंग ग्राउंड के लिए खरीदी गई जमीन में भी घोटाले के आरोप लग रहे हैं। अधिवक्ताओं ने जांच के लिए सीएम को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को दिया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि डेढ़ दशक पूर्व जीडीए और गाजियाबाद नगर निगम ने बिल्डरों के माध्यम से किसानों की हाईटेक सिटी बनाने के नाम भूमि खरीदी थी। भूमि की खरीद-फरोख्त में घोटाला हुआ है, जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, इसके बावजूद भी निगम जबरन वहां पर डंपिंग ग्राउंड बनाना चाहता है। इसके आसपास लाखों की आबादी और दर्जनों शिक्षण संस्थान हैं। निगम के पास इसे बनाने के लिए एनजीटी से एनओसी तक भी नहीं है।
डंपिंग ग्राउंड के विरोध में दो जून को गालंद गांव में जनकल्याण किसान वेलफेयर समिति के तत्वाधान में महापंचायत हो रही है। बुधवार को अधिवक्ताओं ने सीएम के नाम तहसीलदार को ज्ञापन देकर मामले की जांच करने व डंपिंग ग्राउंड न बनवाने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में राजीव तोमर, लोकेश कुमार, अनिल यादव, अजय, रनदीप समेत अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे।
तहसीलदार धौलाना प्रवीन कुमार- का कहना है कि वकीलों द्वारा सीएम को संबांधित दिए गए ज्ञापन को उच्चाधिकारियों के माध्यम से जल्द भिजवा दिया जाएगा। दो जून को गालंद में महापंचायत होने का मामला संज्ञान में नहीं है।