हापुड़ में मरीजों के लिए संचालित स्वास्थ्य विभाग की 102 और 108 नंबर एंबुलेंस सेवा के बिलों में फर्जी मरीज दिखाकर फर्जीवाड़े का आरोप लगा है। शिकायत मिलने के बाद डीएम के आदेश पर विभाग के नोडल ने बिलों की जांच भी शुरू कर दी है। बिना सत्यापन बिल पास नहीं होंगे। वर्ष 2022 में भी डीवीआर और पीसीआर रजिस्टरों में अनियमितता मिली थी, हालांकि उस समय मामला दबा दिया गया था।
एंबुलेंस एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष विकास कुमार ने डीएम कार्यालय में दी शिकायत में बताया कि कार्यदायी संस्था अपने कर्मचारियों पर दबाव बनाकर फर्जी मरीजों की संख्या दिखाकर बिलों का भुगतान प्राप्त कर रही है। फर्जी आधार संख्या और मोबाइल नंबर दर्ज करके हर महीने लाखों का भुगतान लिया जा रहा है। एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलिंडर और जीवनदायक यंत्रों की कमी है। कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव बनाया जाता है, जब मन चाहता है उन्हें निकाल दिया जाता है।
डीएम प्रेरणा शर्मा ने मामले का संज्ञान लेकर जांच के आदेश दिए हैं। इसी क्रम में एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी ने बिलों की जांच शुरू करा दी है। बता दें कि वर्ष 2022 में भी ऐसे ही कई मामले सामने आए थे। बड़ी संख्या में डीवीआर और पीसीआर में अंतर मिला था, हालांकि उस समय मामला दबा दिया गया था। अब फिर से इस तरह की शिकायत से फर्जीवाड़े की आशंका है।
नोडल अधिकारी डॉ. राकेश- ने बताया की डीएम कार्यालय में की गई शिकायत उन्हें मिली है, इसी महीने चार्ज मिला है। कोई भी बिल बिना सत्यापन पास नहीं होगा। पूरे महीने के बिलों का सत्यापन कराया जाएगा।