जनपद हापुड़ जिले में पहले से हालात बेहतर हुए हैं। वायु प्रदूषण की स्थिति तेज हवा चलने की बदौलत कुछ ठीक हुई है, लेकिन मंगलवार को भी एक्यूआई खराब श्रेणी में 295 अंक पर दर्ज हुआ, जो बहुत खराब श्रेणी में पहुंचने से मात्र पांच अंक दूर रह गया। बुजुर्ग, सांस के मरीज और बच्चों को अभी भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण से बचने के लिए बच्चे मास्क लगाकर स्कूल जा रहे हैं।
दशहरे के बाद से जनपद में एक दिन भी हवा सांस लेने लायक दर्ज नहीं हुई है। खराब श्रेणी से नीचे वायु नहीं आ रही है। इस कारण लोगों में आंख और सांस लेने में तकलीफ के मामले बढ़ रहे हैं। मंगलवार को भी सीएचसी में 95 से अधिक मरीज आंखों में जलन की शिकायत की जांच कराने पहुंचे। जबकि, निजी अस्पतालों में यह संख्या दोगुना से अधिक है।
सोमवार की रात से लेकर मंगलवार की दोपहर तक बीच-बीच में कई बार तेज हवा चली। तेज हवा चलने से प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखने को मिली। इस कारण एक्यूआई (लाल से पीली श्रेणी में) बहुत खराब श्रेणी से खराब श्रेणी में पहुंच गया, लेकिन वाहनों के अधिक संचालन और सड़कों पर कूड़ा जलने के कारण यह बीच-बीच में कई बार बढ़ा भी है। प्रशासन ने सोमवार से स्कूल तो खोल दिए हैं, लेकिन कुछ अभिभावक इससे खुश नहीं है। प्रदूषण के बीच बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कतें उठानी पड़ रही है। प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए बच्चे मास्क लगाकर स्कूल जा रहे हैं, ताकि प्रदूषण उन्हें कम नुकसान पहुंचाए।
अपर जिलाधिकारी संदीप कुमार- मौसम खुला हुआ है और प्रदूषण तेजी से कम हुआ है। जिले में पहले से हालात बेहतर हुए हैं। प्रदूषण को लेकर जो बचाव के लिए निर्देश जारी हुए हैं, लोग उनका पालन करें।