जनपद हापुड़ में ग्रैप की सख्ती के दो दिन में ही हापुड़ की हवा सुधरने लगी है। सोमवार को पैरामीटर पर दर्ज किया गया। जोकि 30 सितंबर तक 180 से ऊपर ही बना हुआ था। धूल उड़ाने वाले संयंत्रों पर भी सख्ती की जा रही है।
सर्दियों से पहले ही हवा की सेहत बिगड़ने लगती है। पंजाब, हरियाणा में पुआल जलाने से दमघोंटू वातावरण बन जाता है। दीपावाली पर हालात और बुरे हो जाते हैं। इन समस्याओं से बचाव को लेकर जिले में ग्रेप के नियम लागू किए गए हैं। प्रदूषण फैलाने वाले डीजल जनरेटर पर रोक लगा दी गई है। साथ ही खुले में निर्माण सामग्री को लेकर भी सख्ती बरती जा रही है।
आलम यह है कि सितंबर महीने में एक्यूआई का स्तर 200 को पार कर गया था। ऐसी स्थिति में बीमार व अस्थमा के मरीजों को खासा परेशानी होती है। लेकिन अब इसमें सुधार आने लगा है। सख्ती के दो दिन में ही शहर की हवा सुधरने लगी है। हवा की गुणवत्ता (एक्यूआई) 142 दर्ज किया गया, जो अच्छे संकेत हैं।
दीपावली से पहले एक्यूआई के बढ़ते स्तर को देखते हुए इस वर्ष भी प्रदूषण विभाग ने एक अक्तूबर से ग्रैप सिस्टम लागू किया है। इसके तहत कूड़ा जलाने पर पाबंदी होगी, अवहेलना पर जुर्माना लगेगा। जिम्मेदारी प्रदूषण विभाग के अलावा नगर पालिका, विकास प्राधिकरण, उप संभागीय परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग, यातायात पुलिस, कृषि विभाग, उद्योग विभाग व यूपीएसआईडीसी, चिकित्सा विभाग, विद्युत विभाग को सौंपी गई है।
फिजिशियन डॉ.प्रदीप मित्तल- ने बताया की प्रदूषण में धूल बढने, एक्यूआई बढ़ने से अस्थमा और हृदय रोगियों की समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे मौसम में रोगियों को सावधानी बरतनी चाहिए।