जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में पैदावार बढ़ाने और फसलों में लगने वाले कीटों की रोकथाम के लिए किसान रासायनिक खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं। जिससे उपज बढती है और कीटों की रोकथाम भी आसानी से हो जाती है, लेकिन इससे लोगो की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है।
सब्जियां, फसल और फलों की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए और कीट से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए किसानों द्वार बड़े पैमाने पर रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग किया जा रहा है, इसके कारण कई प्रकार की समस्याएं सामने आ रही है। लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर हो रहा है, भूमि की गुणवत्ता खराब हो रही है।
रासायनिक कीटनाशकों का अधिक इस्तेमाल कृषि उत्पादों को भी जहरीला बना रहा है। जिससे लोगों में कैंसर समेत अन्य बीमारियां बढ़ रही हैं। रायायनिक खाद और कीटनाशाकों का अधिक इस्तेमाल करने से अन्न एवं सब्जियां इतनी जहरीली हो चुकी हैं कि अब जैविक खेती करना अति आवश्यक हो गया है।
कृषि विभाग के एडीओ सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि यदि अब जैविक क्रांति नहीं लाई गई, तो लोगों की औसत आयु लगातार घटती जाएगी। जहरीले रसायनों से अन्न और सब्जियां दूषित होने के साथ ही भूजल भी दूषित हो रहा है।