जनपद हापुड़ की नगर पालिका के चुनाव हटने के बाद अध्यक्ष पदों के कार्यकाल को लेकर चल रही ऊहापोह की स्थिति शासन ने खत्म कर दी है।
जनपद की हापुड़, गढ़, पिलखुवा और बाबूगढ़ पंचायत में निर्वाचित पालिकाध्यक्ष का कार्यकाल तो 5 जनवरी को पूरा हो चुका था। परंतु शासन से कोई आदेश न आने के कारण पालिकाओं में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। 10 जनवरी को शासनादेश आने के बाद छुट्टी पड़ गई।
खातों का संचालन ईओ और लेखाकार करेंगे नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में खातों का संचालन अध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी के दस्तखत से होता है। अध्यक्ष के न रहने पर यह काम अधिशासी अधिकारी व केंद्रीयत सेवा के वरिष्ठतम लेखा अधिकारी संयुक्त हस्ताक्षर से करेंगे।
केंद्रीयत सेवा के अधिकारी की तैनाती न होने की स्थिति में वहां लेखा का काम देखने वाले कर्मी को दिया जाएगा। अधिशासी अधिकारी कर्मचारी को नामित करेगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि संयुक्त हस्ताक्षर की इस व्यवस्था के तहत ही नगद निकाला जाएगा। चेक भी सभी औपचारिकता पूरी करने के बाद दिए जाएंगे।
एडीएम श्रद्धा शांडिल्यान ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पालिका के चुनाव हट चुके हैं। प्रशासक नियुक्त हो चुके हैं। परंतु पालिका में कोई नया काम प्रशासक नहीं कराएंगे। जो पुराने काम हैं उनको निपटाया जाएगा।
जिलाधिकारी के आदेश पर एडीएम श्रद्धा शांडिल्यान ने सोमवार को हापुड़, पिलखुवा, गढ़ पालिका के ईओ को बुलाकर प्रशासक का चार्ज ले लिया है। जिसमें सबसे पहले कर्मचारियों की सैलरी को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए है।