जनपद हापुड़ के पिलखुवा सर्वोदय नगर मोहल्ले में सोमवार को घर से बाहर सड़क पर खेल रहे बच्चों पर बंदरों के झुंड ने हमला कर दिया। जिसमे एक ही परिवार के तीन बच्चे घायल हो गए। परिजनों ने घायल बच्चों को चिकित्सक के भर्ती कराया। गुस्साए लोगों ने नगर पालिका अधिकारियों से बंदरों से निजात दिलाने की मांग की है।
पिलखुवा में बंदर खूंखार होते जा रहे हैं। आए दिन किसी न किसी पर हमला करते रहते हैं। सोमवार को भी सर्वोदय नगर मोहल्ले में बंदरों ने बच्चों पर हमला कर दिया। सर्वोदय नगर निवासी जितेंद्र कुमार के तीनो बच्चे कुश, शिवांक और शिवी घर के बाहर खेल रहे थे, तभी बंदरों के झुंड ने बच्चों पर हमला कर दिया। बंदरों ने कुश और शिवांक को काटकर घायल कर दिया, जबकि शिवी भगदड़ में सड़क पर गिरकर चोटिल हो गई। बच्चों की चीख सुनकर परिजनों और पड़ोसियों ने बंदरों को भगाया। आनन फानन में, बच्चों को चिकित्सक के पास लेकर गए। चिकित्सक ने बच्चों की पट्टी की और एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई।
लोगों का कहना है कि बंदरों और कुतो के डर के कारण हाथ में डंडा लेकर घर से बाहर निकलना पड़ रहा है। बाजार से मिठाई, फल एवं सब्जी खरीद कर घर लाना मुश्किल हो गया है। बंदरों का आतंक इतना बढ़ गया है की रोजाना बंदर किसी ना किसी को काटने दौड़ते है। मकान की छत और घर के बाहर बैठना मुश्किल हो गया है। पालिकाध्यक्ष विभु बंसल का कहना है कि बंदरों और कुत्तों को पकड़वाने के लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया कराई जाएगी। पूर्व में भी टेंडर निकाल कर 972 बंदरों को पकड़वाया गया था। शहर वासियों को कुत्तों और बंदरों के आतंक से शीघ्र ही निजात दिलाई जाएगी।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार का कहना है कि संख्या में अधिक और ब्रीडिंग सीजन होने के कारण बंदर व कुत्ते खूंखार हो गए हैं। दरअसल, लोगों ने इनसे बचने के लिए उपाय करने शुरू कर दिए हैं। खुले में खाद्य पदार्थ लोग नहीं रखते। मकानों को भी जाली से कवर कर दिया गया है। ऐसे में बंदरों व कुत्तों को भोजन को कमी हो गई है। ऐसे में इनके आक्रामक होने का यह भी एक मुख्य कारण है।