हापुड़ लोकसभा चुनाव को लेकर भारत में अभी तक दो चरणों में वोटिंग कराई जा चुकी है। कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान करवाए जा रहे हैं। कोशिश यही है कि कहीं भी किसी तरह की गड़बड़ी ना हो। इसी बीच शहर के पॉश इलाकों के बूथों पर पड़े मत अब भाजपाइयों के लिए चिंता का कारण बन गए हैं। आंकड़े बता रहे हैं कि दिग्गज भाजपाई भी घरों से मतदाताओं को निकलवाने में कामयाब नहीं हो सके। यही कारण है कि इस बार हापुड़ विधानसभा क्षेत्र में चुनाव बेहद रोचक बना हुआ है।
जो मतदान केंद्र पॉश इलाकों में शामिल हैं। वहां पर दलितों और मुस्लिमों के भी कुछ बूथ हैं। इसके अतिरिक्त जिन बूथों पर मतदान हुआ है। वहां पर सामान्य और पिछड़ा वर्ग का मतदान ज्यादा से ज्यादा 55 से 57 प्रतिशत तक ही है। यही भाजपाइयों का सिरदर्द बना हुआ है।
क्योंकि इन बूथों पर भाजपा से जुड़े कई पूर्व जनप्रतिनिधि और वर्तमान में वरिष्ठ पदों पर बैठे पदाधिकारी शामिल हैं। यदि इन बूथों पर अधिक मतदान होता तो चिंता कम हो सकती थी। इन बूथों पर पड़े कम मतों के जरिए ही सपा-कांग्रेस गठबंधन और बसपा प्रत्याशी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।