हापुड़ के शहर में बंदरों को पकड़ने के लिए बृहस्पतिवार (आज) से अभियान शुरू हो जाएगा। सभासदों के धरने के बाद ठेकेदार और उनकी टीम लोहे के जाल लेकर बुधवार को नगर पालिका पहुंच गई है। वहीं, कुत्तों की नसबंदी के लिए वाहन और अस्थायी अस्पताल का निर्माण कराया जा रहा है।
करीब चार साल पहले शहर में बंदर पकड़े गए थे, लेकिन वर्तमान में हालात बहुत अधिक खराब हैं। आए दिन बंदर और कुत्ते लोगों पर हमला कर घायल कर रहे हैं। इनके आतंक के चलते छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी भयभीत हैं। इसके कारण लोगों ने घरों के बाहरी हिस्से पर लोहे और स्टील के जाल लगवा दिए हैं। जिससे लोगों पर आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है। वहीं, ठेकेदार का करीब आठ लाख रुपये पुराना भुगतान न होने के कारण यह अभियान शुरू नहीं हो पा रहा था।
शहर में बंदरों का खासा आतंक है। जनता इन बंदरों की धमाचौकड़ी एवं उत्पात से खासे परेशान हैं। यह बंदर लोगों पर हमला भी कर रहे हैं, इस समस्या को लेकर पिछले दिनों सभासदों के हंगामे और धरना-प्रदर्शन के बाद पालिका अधिकारी हरकत में आए। ठेकेदार से लंबी बातचीत के बाद बुधवार को वह टीम के साथ पालिका पहुंचा। जहां ईओ मनोज कुमार, मुख्य सफाई एवं खाद्य निरीक्षक आवेश कुमार और अन्य अधिकारियों ने बैठक की।
ईओ मनोज कुमार का कहना है कि बंदर पकड़ने के लिए ठेकेदार आ चुका है। कुत्तों की नसबंदी के लिए भी ठेकेदार वाहन तैयार करा रहा है। बृहस्पतिवार (आज) से बंदरों को पकड़ने का अभियान शुरू हो जाएगा।