हापुड़ में त्योहार आते ही मिलावटखोरों का हौसला बुलंद हो जाता है। त्यौहार नजदीक आते ही मिलावट का धंधा जोर पकडऩे लगता है। खाद्य सुरक्षा विभाग भी कार्यवाही करता है, लेकिन इसके बाद भी मिलावट कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस साल दो महीने में 14 नमूनों की रिपोर्ट फेल आई हैं। जिसमें कुट्टू, बेसन, सिंगाड़ा आटा समेत पेड़ा और फुल फैट क्रीम भी शामिल हैं। इन दुकानदारों पर 10 से 25 हजार रुपये तक का जुर्माना लगा है। होली नजदीक है, ऐसे में फिर खाद्य सामग्री में मिलावटी जहर खपाने की तैयारी है। विभाग अलर्ट होने का दम भर रहा है।
विभागीय टीम होली, दीपावली, रक्षाबंधन व आम दिनों में हर साल करीब 280 से 350 तक नमूने भरते हैं। इनमें से करीब 220 से 240 तक नमूने अधोमानक, असुरक्षित, मिथ्याछाप घोषित हो जाते हैं। हापुड़ खाद्य सुरक्षा विभाग ऐसे लोगों पर नकेल कसने के लिए कार्यवाही कर जुर्माना भी वसूलता है। लेकिन जिले में मिलवाटखोरी रुकने का नाम ही नहीं ले रही है।
अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में लोगों की स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने में जरा भी नहीं सोचते हैं, इसका सेवन करने से उनका स्वास्थ्य पर विपरीत असर भी पड़ सकता है, वे बीमार हो सकते हैं।
अधिकारियों ने जनवरी और फरवरी में मिक्सड मिल्क, फ्लेवरड मिल्क, घेवर, रसगुल्ला, कुट्टू का आटा, बेसन, सिंगाड़े का आटा, फुल फैट क्रीम, पेड़े के नमूने लिए, इनमें 14 की रिपोर्ट अद्योमानक आई है। कुट्टु के आटे में जबरदस्त मिलावट की जा रही है, हाल ही में गढ़मुक्तेश्वर में 15 से अधिक लोग बीमार पड़े थे। इन लोगों के कुटु का आटा खाया था। नवरात्रों में मिलावट का बाजार अधिक गर्म रहता है। अब होली पर भी मिलावट रोकना चुनौती साबित होगा।
सहायक आयुक्त खाद्य महेंद्र श्रीवास्तव- ने बताया की त्योहारों के साथ-साथ सामान्य दिनों में भी खाद्य सामग्री के नमूने भरे जाते हैं। प्रयोगशाला की जांच में फेल होने पर मिलावटखोरों पर जुर्माना भी लगाया जाता है। आगे भी अभियान चलाकर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी हाल में खाद्य सामग्री की मिलावट बर्दाश्त नहीं की जाएगी।