हापुड़ के सरकारी अस्पताल में जांच के नाम पर उत्पीड़न हो रहा है। सीने में दर्द से तड़पते मरीज को हापुड़ सीएचसी में ईसीजी की गलत रिपोर्ट थमा दी।रिपोर्ट पर किसी दूसरे मरीज का नाम अंकित था, दर्द में आराम न लगने पर मरीज फिर पहुंचा तो रिपोर्ट पर लिखा नाम काटकर उसका नाम लिख दिया गया। इस पर मरीज को लापरवाही का शक हुआ। इस मामले में पीड़ित ने एसडीएम से शिकायत की है।
निजी अस्पतालों की गलत रिपोर्ट को अधिकारी आसानी से दबा देते हैं। हाल ही में दो अल्ट्रासाउंड सेंटरों के ऐसे मामले आए हैं। मरीज पर दबाव बनाकर इसे दबा दिया गया। लेकिन अब सरकारी अस्पताल की रिपोर्ट पर भी सवाल उठने लगे हैं। मामला सीने के दर्द से जुड़ा था, मरीज की जान का सवाल था, लेकिन रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा फिर भी किया गया।
पुरानी पन्नापुरी निवासी अमित कुमार गर्ग ने बताया कि उसके सीने में तेज दर्द था। हापुड़ सीएचसी में चिकित्सक ने ईसीजी कराने को कहा। आपात वार्ड में ईसीजी करायी, जिसके लिए उससे 70 रुपये लिए गए। रिपोर्ट सामान्य थी, घर आकर भी दर्द सही नहीं हुआ तो बेटे ने रिपोर्ट देखी, जिसमें दूसरे मरीज का नाम था। मरीज रिपोर्ट लेकर अस्पताल पहुंचा, लेकिन सही जांच के बजाय रिपोर्ट पर लिखे नाम को काटकर पैन से ही मेरा नाम लिख दिया।
नगर निवासी मरीज ने बताया कि उसने शहर के दो नामचीन अल्ट्रासाउंड सेंटर पर अपनी पत्नी की जांच कराई। एक सेंटर ने गर्भ होने की रिपोर्ट दी, जबकि दूसरे ने गर्भ न होने की रिपोर्ट दी। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग में शिकायत की, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। अधिकारियों का सेंटरों को संरक्षण था, जिस कारण बाद में उससे शपथ पत्र भी ले लिया गया।
जिलेभर के सभी सीएचसी में जांच की खास सुविधा नहीं है। थायरॉयड, कॉलैस्ट्रॉल समेत महत्वपूर्ण जांच यहां नहीं होती। सीबीसी में शामिल बहुत सी जांच भी पूरी नहीं होती। ऐसे में मरीजों को निजी सेंटरों पर जाना पड़ता है।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की मरीज को गलत रिपोर्ट देने का मामला गंभीर है, इस मामले में जांच कराएंगे। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी।