हापुड़ में मास्टर प्लान 2031 को लागू करने से पहले शासन की मंशा के अनुसार प्राधिकरण की सीमा बढ़ाने की कवायद तेज हो गई है। प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की अधिसूचित विकास क्षेत्र की सीमा में शामिल हापुड़ और गाजियाबाद के 22 गांवों को हापुड़ में शामिल करने का प्रस्ताव एक बार फिर शासन को भेजा है।
प्राधिकरण की 2021 की बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव पास हुआ था। हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण अपनी सीमा विस्तार की योजना बना रहा है। फिलहाल हापुड़- पिलखुवा विकास प्राधिकरण की सीमा क्षेत्र में हापुड़ जिले के 137 गांव शामिल हैं। यह क्षेत्र लगभग 498 वर्ग किलोमीटर के आसपास है। पिछले कई वर्षों से प्राधिकरण अपनी सीमा बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। विडंबना है कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की सीमा हापुड़ के बुलंदशहर रोड स्थित गांव सादिकपुर तक है। यह गांव हापुड़ जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर है। जबकि यह गांव ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण मुख्यालय से 90 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके अलावा हापुड़ के अन्य गांवों की दूसरी मुख्य मार्ग से 1 से डेढ़ किलोमीटर और हापुड़ प्राधिकरण मुख्यालय से अधिक से अधिक 15 किलोमीटर दूर हैं।
ऐसे में इन 22 गांवों को एचपीडीए में शामिल किए जाने की मांग काफी दिनों से उठ रही है। इनमें हापुड़ के छह, धौलाना क्षेत्र 15 गांव और गाजियाबाद जिले का एक गांव शामिल है। इन गांवों के शामिल होने के बाद प्राधिकरण का करीब 40 वर्ग किलोमीटर भाग बढ़ जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण द्वारा सर्वे का कार्य पूरा किया जा चुका है। प्राधिकरण ने तर्क दिया है कि हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण की सीमा से लगे पिलखुवा और धौलाना क्षेत्र के गांव भोवापुर, कंदोला आदि की भूमि में विकास के साथ अवैध कालोनियां विकसित की जा रही हैं।
हाल ही में मास्टर प्लान 2031 को लेकर एचपीडीए के उपाध्यक्ष डा. नितिन गौड़ द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिया गया था। जिसके बाद वहां से निर्देशित किया गया था कि प्राधिकरण प्राधिकरण अपने क्षेत्र का सीमा विस्तार करने के लिए जल्द से जल्द प्रस्ताव भेजे। इसके अनुपालन में हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण ने इन 22 गांवों का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। उन्होंने बताया कि महायोजना 2031 का 199 वर्ग मीटर का क्षेत्र है। इस संबंध में प्रस्ताव रखा गया कि महायोजना 2031 का क्षेत्र बढ़ाया जाए। कुल 299 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र इस महायोजना में जुड़ जाएगा। जिससे हापुड़ के साथ पिलखुवा का भी समुचित विकास हो सकेगा।