हापुड़ में तीमारदारों ने दस्तोई रोड स्थित जिला अस्पताल पर आरोप लगाया है की मजीदपुरा की रहने वाली 23 वर्षीय गर्भवती का आठ हजार लेकर निजी चिकित्सकों से सिजेरियन प्रसव कराया। ऑपरेशन के बाद रक्तस्त्राव नहीं रुका और पेशाब का बंद लग गया। इलाज में लापरवाही से मरीज को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है, जहां वह वेंटिलेटर पर है। किडनी काम नहीं कर रही, जिस कारण डायलिसिस भी हो रही है।
मजीदपुरा निवासी सुहैल की 23 वर्षीय पत्नी इलमा को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे थे। संबंधित क्षेत्र की आशा ने इलमा को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया। सुहैल ने बताया कि 11 फरवरी को दोपहर दो बजे चिकित्सक ने जांच की, तब दर्द नहीं हो रहे थे।
शाम की शिफ्ट में दूसरी चिकित्सक आईं और उन्होंने भी जांच की। शाम को बताया गया कि बच्चे की धड़कने कम हो रही हैं, इलमा का ऑपरेशन करना पड़ेगा। आरोप है कि स्टाफ ने कहा कि बाहर से चिकित्सक बुलाने पड़ेंगे, इसके लिए आठ हजार रुपये दो। सुहैल ने बताया कि पैसे देने पर बाहर से चिकित्सक बुलाए गए, जिन्होंने ऑपरेशन कर दिया। लेकिन रात में इलमा की हालत बिगड़ने लगी, ऑपरेशन के बाद रक्तस्त्राव नहीं रुका, रक्तस्त्राव बढ़ता गया।
साथ ही पेशाब का भी बंद लग गया। स्टाफ को बताया तो इलाज देने के बजाए मरीज को रेफर कर दिया। तीमारदार हालत बिगड़ने पर मरीज को नगर के एक अस्पताल ले गए, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। अब इलमा का इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा है जहां वह वेंटीलेटर पर है। किडनी खराब होने से डायलिसिस हो रही है।
सीएमएस डॉ. प्रदीप मित्तल- ने बताया की इस तरह का मामला संज्ञान में नहीं आया है, शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी। प्राइवेट चिकित्सक और ऑपरेशन के पैसे लेने का आरोप गंभीर है। इस तरह के आरोप सिद्ध होने पर सख्त कार्यवाही होगी।