हापुड़। मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग 334 पर बिजौली इंटरचेंज पर फ्लाईओवर का निर्माण होने के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग 9 पर ओवरब्रिज का निर्माण शुरू हो गया है। अधिकारियों का दावा है कि जिस गति से कार्य किया जा रहा है. इससे इस पुल का निर्माण अगले एक माह में पूरा कर लिया जाएगा।
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में कार्यदायी संस्था आईआरबी इंफ्रा तेजी दिखा रही है। इसका पूरा जोर पुलों के निर्माण पर है। मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेसवे को 12 चरणों में विभाजित कर निर्माण कार्य शुरू किया है। कुल 594 किमी लंबे एक्सप्रेसवे पर 18 फ्लाईओवर व आठ रोड ओवर ब्रिज का निर्माण किया जाएगा।
जबकि टोल प्लाजा के 12 रैंप भी बनाए जाएंगे। किठौर रोड पर अटौला के पास पुल का निर्माण किया जा रहा है। किठौर रोड पर रूट को डायवर्ट करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है। लेकिन यहां से सीमित गति के साथ ट्रैफिक निकाला जा रहा है। पुल के दोनों तरफ पिलर तैयार कर दिए गए हैं और इनके ऊपर गाटर डालने का कार्य किया जा रहा है। यहां 30 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इसके अलावा पुल के दोनों तरफ उतार चढ़ाव के लिए मिट्टी डालने का कार्य भी तेज कर दिया गया है।
आईआरबी इंफ्रा के जीएम अनूप सिंह का कहना है कि गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य कुंभ-2025 से पहले अगले साल दिसंबर तक पूरा पर अधिक जोर है। इसके लिए निर्माण कंपनी को भी विशेष रूप से निर्देशित किया है। ऐसे में जटिल और महत्वपूर्ण स्थानों पर कार्य प्राथमिकता के आधार पर तेजी से कराया जा रहा है।
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मेरठ से प्रयागराज केवल 8 घंटे में पहुंचने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकें। ऐसे में संभव है कि मेरठ से प्रयागराज का सफर इससे भी कम समय में ही पूरा हो जाए। यह 6 लेन का एक्सप्रेसवे होगा लेकिन इसे जरूरत पड़ने पर 8 लेन तक चौड़ा किया जा सकता है। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होता हुआ प्रयागराज पर खत्म होगा।