जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में वसंत पंचमी का पर्व आज क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस पर्व पर दुर्लभ संयोग देखने को मिलेगा। इस दिन विवाह और प्यार का इजहार करना बेहद शुभ रहेगा।
पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार वसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती के साथ कामदेव की भी पूजा-अर्चना की जाती है। यह दिन शुभ कार्यों के लिए अति उत्तम माना जाता है। इस दिन बिना पंचांग देखे ही शादी विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण किया जा सकता है। वसंत पंचमी के दिन जिन लोगों का विवाह मुहूर्त नहीं निकल पाता है, वह लोग इस दिन विवाह के बंधन में बंध सकते हैं।
पंडित ने बताया कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार सनातन धर्म में वसंत पंचमी अबूझ साया है। वसंत पंचमी को अबूझ साया माना जाता है, जिसके कारण इस दिन हजारों की संख्या में शादियां होती हैं। वसंत पंचमी के दिन दोषरहित श्रेष्ठ योग बनते हैं, जिसकी वजह से किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य के लिए पंचांग देखने को जरूरत नहीं होती है। यह दिन शुभ कार्यों के लिए अति उत्तम माना गया है। उन्होंने बताया कि इस दिन पीले रंग का काफी महत्व होता है। पीले फूल मां सरस्वती को भी अर्पित किए जाते है।