हापुड़ में टीबी का मर्ज अब मरीजों के रीढ़ की हड्डी को खराब कर रहा है, हड्डी के सबसे निचले भाग पर इसका अधिक असर है। अस्पतालों में ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जिनके कमर के नीचे का शरीर सुन्न हो रहा है। व्हील चेयर से आने वाले इन मरीजों में एक्सरे के बाद पुष्टि हो रही है। इसके अलावा फेफड़ों के टीबी वाले मरीजों की संख्या भी निरंतर बढ़ रही है।
वर्ष 2025 तक जिले को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। जैसे जैसे स्क्रीनिंग बढ़ रही है, टीबी के मरीजों में भी लगातार इजाफा हो रहा है। इन दिनों फेफड़ों की टीबी के अलावा गुर्दों, हड्डी, दिमाग में भी टीबी मिल रहा है। अनदेखी करने वालों को टीबी अब चलने फिरने में भी असमर्थ कर रहा है।
गढ़ रोड सीएचसी के चिकित्सक डॉ. अशरफ अली ने बताया कि हाल ही में कई मरीज ऐसे आए हैं, जिनके रीढ़ की हड्डी टीबी से गल चुकी है। हड्डी के निचले हिस्से को टीबी अधिक प्रभावित कर रहा है, जिसके चलते मरीजों के कमर के नीचे का भाग निष्क्रय होने लगा है। जिस कारण नीचे का हिस्सा काम तक नहीं कर रहा। सुन्न होने के कारण शरीर में सुईं आदि चुभाने पर भी कोई असर नहीं पड़ रहा।
शनिवार को भी ऐसे मरीज व्हीलचेयर से अस्पताल पहुंचे, जिनका एक्सरे कराया तो हड्डी में गलन की रिपोर्ट मिली। इन मरीजों का उपचार शुरू कर दिया गया है। दवाओं का कोर्स पूरा न करने वालों की जान खतरे में पड़ रही है। वहीं, फेफड़ों में टीबी के मरीज काफी बढ़े हैं।